जम्मू कश्मीर में दस हजार अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती किए जाने के फैसले और अनुच्छेद 35 A को हटाने की खबरों को लेकर देश में सियासत गरमाई हुई है। वहीं, अब अनुच्छेद 35 A पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है। वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) गिरिराज सिंह के बयान से सहमत नहीं है। जेडीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि लोकतंत्र सबकी सहमति से ही चलता है, यह सही है कि हमारा उनसे विरोध है। किन्तु उनकी बात को दरकिनार कर आगे नहीं बढ़ा जा सकता। फारुख अब्दुल्ला कश्मीर की सियासत में 40 वर्ष से सक्रिय हैं। उन्होंने कई सरकारों में काम किया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट करते हुए अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती पर सवाल खड़े किए थे, उन्होंने कहा था कि ‘कई विपक्षी दल कश्मीर का विकास नहीं चाहते,वो वहां के लोगों को 35 A के नाम पर डराते रहते हैं। कश्मीर में विकास की अपार संभावनाएं हैं, यह दूसरा स्विट्जरलैंड बन सकता है अगर इसमें फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे लोग बाधक न बने!’
वहीं जेडीयू ने गिरिराज के बयान पर असहमति जताते हुए कहा है कि महबूबा मुफ्ती भी जम्मू कश्मीर की दिग्गज नेता हैं। उनके पिता मुफ़्ती मोहम्मद सईद भी महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। राजीव रंजन ने कहा है कि एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि धारा 370 और 35 A पर जो नियम कानून पुरखों ने बनाए हैं उससे जेडीयू भी समझौता नहीं करेगी। किसी भी कीमत पर हम विवादित मामलों में साथ नहीं देंगे।