रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मैं शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के साथ खड़ा हूं। राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत की वीरता के शौर्य और साहस पर गर्व है।’
राजनाथ ने कहा, ‘गलवां घाटी में सैनिकों की शहादत परेशान करने वाली और दुखदायी है। हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता को प्रदर्शित किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया।’
बता दें कि, भारत और चीनी सेनाओं के बीच 15-16 जून की रात को हिंसक झड़प हुई। पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान दोनों तरफ से हिंसक झड़प हुई। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए हैं।
भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि हिंसक झड़प में दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है। 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवानों की शहादत के बाद यह इस तरह की पहली घटना है।
वहीं, खबर सामने आई है कि गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। झड़प में चीनी यूनिट का कमांडिंग ऑफिसर भी मारा गया है।
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