फतेहपुर (गया), गया कोडरमा रेल खंड पर शनिवार (19 जून) की सुबह रांची राजधानी एक्सप्रेस के इंजन पर लैंड स्लाइड के कारण बड़ा चट्टान गिर गया । नई दिल्ली से रांची जानेवाली राजधानी एक्सप्रेस गया- कोडरमा रेल खंड के घाट सेक्शन नाथगंज बसकटवा के बीच से गुजर रही थी, तभी यह हादसा हुआ। हालांकि राजधानी एक्सप्रेस के चालक की तत्परता के कारण बड़ा हादसा टल गया। रांची राजधानी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन संख्या 02242 के इंजन पर करीब 5:15 बजे घाट सेक्शन से गुजरने के दौरान पोल संख्या 415 के पास के लैंडस्लाइड के कारण चट्टान का बड़ा टुकड़ा गिरा। ट्रेन की रफ्तार तेज होने के कारण इंजन चट्टान को रफ करते हुए आगे निकल गया। हालांकि आगे बढ़ने के साथ ही चालक ने तत्परता दिखाते हुए राजधानी एक्सप्रेस को रोक दिया। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही राहत एवं बचाव दल घटना स्थल पर रवाना हो गया। इस हादसे में कोई पैसंजर हताहत नहीं हुआ। सभी लोग सुरक्षित हैं।
चार घंटे तक परिचालन बाधित
नई दिल्ली से रांची जा रही राजधानी एक्सप्रेस के ऊपर लैंड स्लाइडिंग के दौरान भारी मात्रा में चट्टान का मलबा ट्रेन के इंजन पर आ गिरा। चट्टान गिरने का जैसे ही चालक को पता चला वैसे ही ट्रेन को सेकेंड टनल के पास रोक दिया गया। ट्रेन के ऊपर चट्टानें गिरने से ट्रेन को नुकसान पहुंचा है। चालक की तत्परता के कारण सभी यात्री सुरक्षित हैं। वहीं घटना के बाद पीछे से आ रही गाजीपुर सीटी – कोलकाता राजधानी एक्सप्रेस को गुरपा, गया – आसनसोल सवारी गाड़ी को पहाड़पुर,सहित अन्य ट्रेन विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रही।
मलबा हटाने में लगे तीन घंटे
ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि करीब 5.30 के आसपास ट्रेन रूट इंस्पेक्टर की ओर से सूचना दी गई कि गया-कोडरमा रेल खंड के बसकटवा के निकट अचानक से भारी लैंड स्लाइडिंग के साथ ट्रेन के ऊपर चट्टानें गिर गई हैं। रेलवे ट्रैक पर लैंड स्लाइडिंग व चट्टानें गिरने की वजह से ट्रेन का परिचालन रूक गया है। इस घटना की सूचना के साथ ही रेलवे के बचाव टीम को सक्रिय किया गया। वहीं मौके पर पहुंची टीम ने ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों का हालचाल लेने के बाद रेलवे ने राहत की सांस ली। साथ ही ट्रैक से मलबा व चट्टानें हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। करीब तीन घंटे के अथक प्रयास के बाद ट्रैक से मलबा को हटाया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस जैसे ही बसकटवा टनल नंबर-2 के निकट पहुंचा ही था कि पहाड़ के ऊपर से लैंड स्लाइडिंग के साथ जबर्दस्त आवाज के साथ चट़्टानें गिरीं। ट्रेन के रुकते ही सफर कर रहे यात्री संभावित दुर्घटना से सिहर उठे। सुबह के माहौल में जंगली इलाकों में ट्रेन के रूकते ही रेल यात्री के बीच भय बन गया। वहीं कुछ यात्री ट्रेन में सो रहे थे। चूकिं चट्टानें इंजन के ऊपर गिरी तेज रफ्तार होने के कारण इंजन उसे रफ करते हुए आगे निकली। हालांकि ट्रैक पर मलबा व दुर्घटना की आशंका को देखते हुए रेलगाड़ी को रोकना पड़ा। रेल कर्मियों के द्वारा रेल यात्रियों को भरोसा दिलाया गया किसी भी रेल यात्री को कोई नुक़सान नहीं पहुंचा है। उसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। चट्टान एवं मलबा हटाकर चार घंटे के बाद 9.30 बजे से रेल परिचालन सुचारू रूप से डाउन रेल खंड पर शुरू किया जा सका।