जीवन का सबसे बड़ा सत्य हैं ‘मृत्यु’ अर्थात जिस व्यक्ति ने इस धरती पर जन्म लिया हैं उसकी मृत्यु होना निश्चित हैं। और एक बार मारा हुआ व्यक्ति फिर कभी लौटकर नहीं आता हैं। लेकिन आज हम आपको जिस घटना के बारे में बताने जा रहे हैं वह अपनेआप में ही बहुत अनोखी हैं क्योंकि यहां एक शख्स अपनी खुद की तेरहवीं पर जिंदा पहुंच गया और उसे देखने पूरा गांव इकठ्ठा हो गया। तो आइये जानते हैं इस पूरे माजरे के बारे में।

दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले के बुधनगरा गांव का रहने वाला संजीव कुमार 25 अगस्त के दिन से ही घर से लापता हो गया था। उसके कुछ दिनों बाद पास की गंडक नदी के किनारे एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति का शव प्राप्त हुआ, जिसे पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया गया था। बाद में संजीव के पिता रामसेवक ने अस्पताल पहुंचकर इसे उनके बेटे की लाश होने का दावा किया।
शख्स के परिवार वालों ने पूरे रस्मों-रिवाज के साथ शव का अंतिम संस्कार कर दिया। जब तेरहवीं के दिन घर में श्राद्ध भोज की तैयारी चल रही थी तभी वह अचानक वह घर लौट आया। संजीव को सही-सलामत देख सब हैरान रह गए। बात पूरे गांव में तेजी से फैल गई। सभी संजीव को देखने उनके घर पहुंच गए।
संजीव कुमार के पिता रामसेवक ठाकुर ने बताया कि 25 अगस्त को मेरा बेटा लापता हो गया था और हमने इसकी रिपोर्ट पुलिस के पास जाकर दर्ज कराई थी। बाद में मुझे एक अज्ञात शव के बारे में जानकारी मिली तो मैंने दावा किया कि ये मेरे बेटे का शव है। हमने उस शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। हालांकि अब मुझे खुशी है कि मेरा बेटा वापस आ गया है।
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