कोलकाता के आरजी कर दुष्कर्म मामले में आज आएगा कोर्ट का फैसला

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में आज वहां की स्थानीय अदालत फैसला सुनाएगी। मामले में अस्पताल का कर्मचारी संजय रॉय मुख्य आरोपी है। मामले के सामने आने के बाद देशभर में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन भी किए।

बता दें कि पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। महिला के साथ बुरी तरह दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। मामला स्थानीय सियालदह अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की कोर्ट में चला, जो आज 57 दिन बाद फैसला सुनाएंगे।

आइए जानें अब तक मामले में क्या-क्या हुआ…
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म हुआ और उसकी हत्या कर दी गई। डॉक्टर का शव अर्धनग्न हालात में मिला।

10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने मामले का संदिग्ध मानकर अस्पताल के सिविक वालंटियर संजय रॉय को हिरासत में लिया। इस दौरान पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए।

इसके बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी में मामले में एक्शन मोड में दिखी और उन्होंने पुलिस को सार्वजनिक तौर पर अल्टीमेटम देते हुए कहा कि मामला 7 दिन में सुलझना चाहिए, नहीं तो सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। इसी बीच, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

मामले के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे। इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लिया और इसे बेहद विभत्सकारी घटना बताया। कोर्ट ने कहा कि अगर डॉक्टर ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वो किसी और की जान कैसे ही बचाएंगे। कोर्ट ने इसके बाद मामले को सीबीआई को सौंप दिया।

मामले में 25 सदस्यीय सीबीआई टीम का गठन हुआ और कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। इसी दौरान ममता ने विरोध रैली भी निकालने की घोषणा की।

14 अगस्त को कई मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया।

14 अगस्त को आधी रात भीड़ ने आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। इसके बाद IMA ने 17 अगस्त को देशभर में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद करने की घोषणा की।

इस बीच सीबीआई ने संदीप घोष से कई घंटों तक पूछताछ की और कोर्ट की अनुमति के बाद उसका पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लिया और डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंता जताई। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पीठ ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकोल तैयार किया और 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया। कोर्ट ने राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट भी देने को कहा।

इसके बाद मुख्य आरोपी संजय रॉय समेत छह अन्य लोगों का लाई डिटेक्टश टेस्ट हुआ।

सीबीआई ने इसके बाद संदीप घोष के घर छापा मारा और 2 सितंबर को वित्तीय गड़बड़ी मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके बाद सीबीआई ने संदीप घोष और मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी और सबूत गायब करने के आरोप में कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया।

7 अक्टूबर को सीबीआई ने संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दायर की।

11 अक्टूबर को इसके बाद सियालदह कोर्ट में इस मामले में ट्रायल शुरू हुआ।

चार्जशीट दाखिल करने में देरी के चलते मुख्य आरोपी संजय और दूसरे आरोपी अभिजीत मंडल और अन्य को जमानत मिल गई।

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