कोरोना के चलते दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सरकार के अंतर्गत आने वाले सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की है। मनीष सिसोदिया ने बताया कि इसमें अंतिम वर्ष की परीक्षाएं भी शामिल हैं। छात्रों को डिग्री उनके पूर्व वर्ष के नंबरों के आधार पर प्रदान की जाएगी।

दिल्ली उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ये भी बताया कि सभी विश्वविद्यालयों को फाइनल परीक्षा रद्द कर छात्रों के मूल्यांकन का कोई पैमाना तैयार कर डिग्री जल्द से जल्द देने के लिए कहा गया है। कोरोना की वजह से परीक्षा लेना और डिग्री न देना अन्याय होगा। ये निर्णय राज्य विश्वविद्यालय के लिए लिया गया है।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर उनके सभी विश्वविद्यालयों में परीक्षा रद्द करने का निवेदन किया है।
दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालय हैं- आईपी यूनिवर्सिटी, आंबेडकर यूनिवर्सिटी, डीटीयू व अन्य इन सभी में परीक्षाएं नहीं होंगी।
हालांकि बात अगर दिल्ली विश्वविद्यालय की करें तो इसके अंतर्गत आने वाले दिल्ली सरकार के कॉलेजों के बारे में फैसला केंद्र सरकार को लेना है।
मालूम हो कि डीयू के 12 ऐसे विश्वविद्यालय हैं जिन्हें दिल्ली सरकार 100 प्रतिशत फंड करती है और 16 ऐसे विद्यालय हैं जिन्हें दिल्ली सरकार 5 प्रतिशत फंड करती है। हालांकि डीयू केंद्रीय विश्वविद्यालय है ऐसे में इन सभी के लिए केंद्र को ही फैसला लेना है।
दिल्ली सरकार मानती है कि जो सेमेस्टर पढ़ाया ही नहीं उसकी परीक्षा लेना सही नहीं है। इसके साथ ही सिसोदिया पहले भी कह चुके हैं कि यह कोरोना काल है और ये बड़े फैसले लेने का वक्त है। ऐसे में हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हर जान को बचाने की है।
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