कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क की मांग बढ़ती ही जा रही है जिसे देखते हुए महाराष्ट्र की जेलों में कैदी मास्क तैयार कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों में इन कैदियों ने एक लाख मास्क तैयार किये हैं। मिली जानकारी के अनुसार एक मास्क को तैयार करने में 5 मिनट का समय लगता है।
जेल अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल ठाणे, कल्याण, पुणे अमरावती, औरंगाबाद, नासिक, नागपुर, अकोला और कोल्हापुर जेलों में फैब्रिक मास्क का प्रयोग किया जा रहा है। पिछले तीन दिनों में इन जेलों में एक लाख मास्क तैयार किये गये हैं।
इन मास्क का प्रयोग जेल में काम करने वाल कर्मचारी और अदालत जाने वाले अभियुक्तों द्वारा किया जा रहा है। अदालत से लौटने वाले अभियुक्तों को साबुन से हाथ धोने के बाद ही जेल में प्रवेश करने दिया जाता है।
इसके साथ ही जेलों के अंदर भी साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था की गयी है। जेलों में बने खाली क्वार्टर भी अच्छी तरह साफ कर दिये गये हैं जिससे किसी भी कैदी के अस्वस्थ होने पर उसे अलग रखा जा सके।
वर्तमान समय में महाराष्ट्र की जेलों में कुल 6 हजार कर्मचारी हैं, जबकि 35 हजार आरोपी हैं। मास्क बनाने के लिए पूरे राज्य में एक हजार कैदी काम कर रहे हैं। जेल प्रशासन के पास मास्क बनाने की सभी सामग्रियां हैं।
जेल प्रशासन इन सभी के स्वास्थ्य का ख्याल रख रहा है। महाराष्ट्र में कुल 48 जेल हैं, पुणे में हेड क्वाटर है, पश्चिम क्षेत्र में 12, पूर्वी क्षेत्र में 13, दक्षिणी क्षेत्र में 9 और मध्य क्षेत्र में 13 जेल हैं। जेल के एक अधिकारी ने कहा कि जेलों में आने वाले किसी भी नए आरोपी की पहले जांच की जा रही है, अगर कोई संदिग्ध लगता है, तो उसे तुरंत उपचार दिया जाता है।
जेल अधिकारियों ने मिड-डे को बताया, शुक्रवार को जेल अधिकारियों और महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों की एक बैठक हुई थी, जिसमें महाराष्ट्र पुलिस ने जेलों में बने मास्क खरीदने की इच्छा जाहिर की है।
अधिकारी ने कहा, जेल प्रशासन महाराष्ट्र पुलिस को मास्क उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। ठाणे और कल्याण जेलों में बनाए गए मास्क मुंबई के आर्थर रोड और बायकुला जेलों के अभियुक्तों के लिए प्रदान किए गए हैं।
इन मास्क को महाराष्ट्र जेल (MAKA) मास्क कहा जाता है। जेल के विशेष आईजी दीपक पांडे ने मिड-डे को बताया, सरकारी विभाग को मास्क की मांग की जाती है तो जेल प्रशासन अधिक मास्क प्रदान करेगा।
इसके साथ, यदि कोई कोरोना रोगी जेल में पाया जाता है, तो जेल एडीजी ने उसके लिए इलाज केलिए जेल में एक नेचुरोपैथी केंद्र खोलने की अनुमति दी है।
कोरोना से बचने के लिए बिहार की जेलों में भी कैदी प्रतिदिन 500 मास्क तैयार कर रहे हैं। यहां सफेद रंग के कपड़ें से मास्क तैयार किये जा रहे हैं। पूर्णिया का केन्द्रीय कारागार बिहार का पहला कारागार है जहां प्रतिदिन 20 से 25 कैदी प्रतिदिन 500 मास्क तैयार कर रहे हैं।
इन मास्क की सप्लाई बिहारी के कई जेलों में की जा रही है। इन मास्क की सप्लाई नवगछिया और कटिहार की जेलों में की जा रही है। अलावे बगहा कारागार से भी मास्क बनाने का आर्डर मिला है।