चीन में कोरोना वायरस की सबसे पहले चेतावनी देने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत से लोगों में नाराजगी बढ़ गई है। कई चीनी नागरिकों ने सोशल मीडिया पर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसके चलते सरकार को डॉक्टर की मौत के मामले की जांच का आदेश देना पड़ा है। चीन में रहस्यमय वायरस से अब तक 636 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमित लोगों की संख्या भी बढ़कर 31,161 हो गई है।
वुहान में वायरस की चपेट में आने वाले 34 वर्षीय वेनलियांग की गुरुवार को मौत हो गई थी। सोशल मीडिया यूजर्स ने वेनलियांग को नायक करार देते हुए अधिकारियों पर अयोग्यता का आरोप लागया है। चीन में सरकार के प्रति इस तरह का विरोध कम देखने को मिलता है। वेनलियांग ने जनवरी के शुरू में वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर चेतावनी दी थी।
उस समय पुलिस ने उनकी चेतावनी को अफवाह मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी थी। गत तीन जनवरी को उनसे जबरन एक पत्र भी लिखवा लिया गया था कि उन्होंने सोशल मीडिया की व्यवस्था को बिगाड़ा है। यह बात सामने आने के बाद सरकार ने जांच का आदेश दिया है। मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय टीम शुक्रवार को वुहान पहुंच गई। इसी शहर से पूरे चीन समेत दुनिया के 31 देशों में जानलेवा वायरस पहुंच चुका है।
वायरस से मुकाबले को उतारे रोबोट
चीन ने कोरोना वायरस के प्रकोप से मुकाबले के लिए रोबोट भी उतार दिए हैं। इस महामारी से निपटने के लिए वुहान में पहले ही सेना तैनात की जा चुकी है। अब वुहान के कई बड़े अस्पतालों में 30 से ज्यादा रोबोट तैनात किए गए हैं। ये रोबोट पीडि़तों के उपचार में कई तरीके से मदद कर सकेंगे। चीन ने गुरुवार को देश के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) सेक्टर से वायरस से मुकाबले में योगदान देने की अपील की थी।