कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत थमने का नाम नहीं ले रही है। अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर के आखिरी दो दिनों में यहां नौ और बच्चों की मौत हो गई। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर सौ तक पहुंच गया है। अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट के मुताबिक नवजातों की मौत का मुख्य कारण उनका जन्म के वक्त कम वजन होना है।
मंगलवार को सांसद लॉकेट चटर्जी, कांता कर्दम और जसकौर मीणा वाली भाजपा संसदीय समिति के एक दल ने अस्पताल का दौरा कर वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक ही बिस्तर पर दो-तीन बच्चों को रखा गया है। अस्पताल में पर्याप्त संख्या में नर्सों की भी कमी है। इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य सरकार को इस मामले पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि अस्पताल परिसर में सुअर विचरण करते मिले थे। 23-24 दिसंबर के दौरान दस बच्चों की सरकारी अस्पताल में मौत के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाने पर है। वहीं राजस्थान सरकार की समिति ने कहा कि नवजातों को सही उपचार दिया गया था।