राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासत के इस अखाड़े में दंगल जारी है। मुख्यमंत्री बनने को लेकर सचिन पायलट गुट के पास 20 से ज्यादा विधायक होने के दावे किया जा रहे थे जबकि अशोक गहलोत गुट में कथित तौर से 92 विधायक थे। जिसके बाद सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने के सपने पर सस्पेंस गहरा गया है।ऐसे कई मंत्री, विधायक हैं जिनके बयान सामने आए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि भाजपा के साथ मिलकर जिन लोगों ने सरकार को गिराने की साजिश की थी कि वह मुख्यमंत्री के पद पर स्वीकार नहीं होंगे।
पहली बार आया कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह का बयान
राजस्थान की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि तीन बार से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री रहते हुए 14 वर्ष हो गए हैं और आज भी वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। अशोक गहलोत सक्षम और बुद्धिमान हैं जो हर परिस्थिति से निपटना बेहतर जानते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत सभी के लिए सुप्रीम है और दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान सुप्रीम है। इस पूरे मामले में किसका क्या कहना है, इसका मुझे पता नहीं लेकिन जो मुझे कहना है वह मैंने कह दिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हम और आप से ज्यादा विद्वान हैं। वह अच्छी तरह से जानते हैं कि किस परिस्थिति से कैसे जूझा जाता है।
विश्वेंद्र सिंह जाने जाते हैं बेबाक बयान के लिए
भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वेंद्र सिंह हमेशा अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं। क्योंकि विगत दिनों जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भरतपुर आए थे और जनसभा को संबोधित कर रहे थे तब विश्वेंद्र सिंह ने भाषण देते हुए कहा था कि भरतपुर जिले के रोड इस कदर खराब है कि गर्भवती महिला चले तो डिलीवरी हो जाए। हालांकिं विश्वेंद्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह सचिन पायलट गुट के हैं। जो सोशल मीडिया के जरिए अपने आप को सचिन पायलट का विशेष समर्थक बताते हैं। गौरतलब है कि विश्वेंद्र सिंह और उनके पुत्र अनुज सिंह के बीच कई महीनों से दूरी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ विश्वेंद्र सिंह एक लंबे समय से देते आ रहे हैं। चाहे कांग्रेस पार्टी सत्ता में रही हो या ना रही हो। विश्वेंद्र सिंह और अशोक गहलोत के संबंध काफी मजबूत रहे हैं।
दो मंत्रियों की हुई बैठक
कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह सर्किट हाउस में जनसुनवाई कर रहे थे। वहां राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग पहुंच गए और दोनों मंत्रियों के बीच एक कमरे में काफी समय तक वार्ता चली। हालांकि, दोनों मंत्रियों के बीच कमरे में क्या वार्ता हुई यह कहा नही जा सकता। गौरतलब है कि राज्य की सियासत में सबसे पहले राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का ही बयान सामने आया था। जब उन्होंने कहा था कि मैं आरएलडी से विधायक हूं और सरकार में सहयोगी दल के रूप में समर्थन दे रहा हूं। हमारी मांग है कि मानेसर कांड के दौरान जिन लोगों ने भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश की थी उनको मुख्यमंत्री पद पर बैठाना सरासर गलत होगा।