केरल के तटीय जल में मछली पकड़ने पर 52 दिन का प्रतिबंध शुक्रवार आधी रात से लागू हो जाएगा। राज्य सरकार ने हाल ही में मछली पकड़ने की सबसे आम विधि ‘ट्रॉलिंग’ पर वार्षिक प्रतिबंध 9 जून से 31 जुलाई की मध्यरात्रि तक लागू करने का निर्णय लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में हाल ही में एक अधिसूचना भी जारी की गई थी।

18 मई को प्रतिबंध लगाने पर हुआ अंतिम निर्णय
- आंकड़ों के अनुसार, ट्रॉलिंग प्रतिबंध 3800 से अधिक ट्रॉल बोट्स, 500 से अधिक गिलनेट बोट्स और राज्य के समुद्र में मछली पकड़ने में लगे पर्स सीन जहाजों पर लागू है।
- केरल के मत्स्य मंत्री द्वारा बुलाई गई संबंधित अधिकारियों और ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों की एक बैठक ने 18 मई को प्रतिबंध लगाने और संबद्ध मामलों पर अंतिम निर्णय लिया, जिसे बाद में कैबिनेट की बैठक में लागू करने की मंजूरी दी गई।
- मछुआरा संघ के सूत्रों ने कहा कि मछली पकड़ने वाली बस्तियों में मुफ्त राशन वितरित करने का भी निर्णय लिया गया, जो प्रतिबंध के कारण प्रभावित होगा।
पड़ोसी राज्यों की नौकाओं की जांच के लिए उठाए जाएं सख्त कदम
चार्ल्स जॉर्ज, राज्य अध्यक्ष, केरल स्वतंत्र मत्स्यथोझिलाली ऐक्यवेदी ने कहा कि न केवल ट्रॉल बोट और ऐसे अन्य जहाजों की जांच की जानी चाहिए, बल्कि प्रतिबंध अवधि के दौरान केरल के पानी में अतिक्रमण करने वाले पड़ोसी राज्यों की फाइबर नौकाओं की जांच के लिए भी सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
एक बयान के अनुसार, उन्होंने सरकार से मछुआरा समुदाय के साथ परामर्श करने के बाद समय के अनुसार केरल समुद्री मत्स्य नियमन अधिनियम में संशोधन करने का आग्रह किया।
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