गुरुवार को भैरव ग्लेशियर टूटने के कारण बंद हुआ यात्रा मार्ग फिलहाल पैदल यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। घोड़े-खच्चरों के लिए यात्रा मार्ग अभी मार्ग नहीं खुल पाया है, श्रमिकों द्वारा बर्फ हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग गुरुवार शाम को भैरव ग्लेशियर टूटने के कारण मार्ग बंद हो गया था। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में यात्रा मार्ग को सुचारू करने के लिए डीडीएमए, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाइएमएफ व पुलिस के जवानों ने बर्फ हटाने का कार्य किया।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पैदल यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए कल सायं को ही यात्रा मार्ग आवागमन हेतु सुचारू कर दिया गया था। भैरव ग्लेशियर व कुबेर ग्लेशियर पर यात्रियों की सुरक्षा हेतु एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाइएमएफ व पुलिस के जवान दोनों ग्लेशियरों पर यात्रियों की सुरक्षा हेतु तैनात हैं।
दोनों ग्लेशियर प्वाइंट पर ज्यादा भीड़ एकत्रित न होने दें
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जवानों को यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ अपनी सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखने को कहा है तथा दोनों ग्लेशियर प्वाइंट पर ज्यादा भीड़ एकत्रित न होने दें व लाइन में यात्रियों को ग्लेशियर पार कराएं।YU
इससे पहले मौसम विभाग के अलर्ट व लगातार केदारनाथ धाम में बर्फबारी के चलते बुधवार को यात्रा सोनप्रयाग व गौरीकुंड से पूरी तरह स्थगित रखी गई थी। किसी भी यात्री को केदारनाथ नहीं भेजा गया।
हिमस्खलन से पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया था
वहीं गुरुवार मौसम साफ तो था, लेकिन भैरव गदेरे व कुबेर गदेरे में हिमस्खलन से पैदल मार्ग अवरुद्ध होने के कारण सुबह पांच बजे से यात्रियों को नहीं भेजा गया।
लगभग साढ़े चार घंटे देर से सुबह 9.30 बजे यात्रियों को पहला जत्था रवाना किया गया। दोपहर दो बजे तक नौ हजार पांच सौ पैंतीस यात्री केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुए।