नासिक: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर जनआशीर्वाद यात्रा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए हैं. ये आदेश नासिक पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जारी किए है. नारायण राणे पर आरोप है कि उन्होंने सीएम उद्धव को अपशब्द कहे थे. जिसके बाद शिवसेना ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. नासिक क्राइम ब्रांच को चिपलून जाकर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं.
दरअसल जब से नारायण राणे की जनआशीर्वाद यात्रा शुरू हुई है, तब से शिवसेना उनपर एग्रेसिव रही है. इससे पहले मुंबई पुलिस ने जनआशीर्वाद निकाल रहे कार्यकर्ताओं के खिलाफ करीब 22 मामले दर्ज किए थे. कल जनआशीर्वाद यात्रा कोकड़ के महाड़ इलाके में पहुंची. यहां नारायण राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इसी दौरान उन्होंने सीएम उद्धव को अपशब्द कहे. ये इलाका शिवसेना का गढ़ माना जाता है.
शेरों की मांद में जाने की हिम्मत मत करो- नितेश राणे
इस मामले में अब शिवसेना केंद्रीय मंत्री राणे पर हमलावर है और पार्टी ने मुख्यमंत्री का अपमान करने के मामले में नासिक में मामला दर्ज कराया है. इस घटना के बाद नारायण राणे की बेटे नितेश राणे ने ट्वीट किया है, ”युवा सेना के सदस्यों को हमारे जुहू स्थित घर के बाहर इकट्ठा होने के लिए कहा गया है. या तो मुंबई पुलिस उन्हें वहां आने से रोके, नहीं तो जो कुछ भी होगा, उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी. शेरों की मांद में जाने की हिम्मत मत करो! हम इंतज़ार कर रहे होंगे!’’
Hearing the news of Yuva Sena members been told to gather outside our Juhu house..
either Mumbai police stops them from coming there or whatever happens there will be not our responsibility!!
Don’t dare to walk into the lions den !
We shall be waiting!— nitesh rane ( Modi ka Parivar ) (@NiteshNRane) August 23, 2021
कोरोना नियमों के उल्लंघन को लेकर पर भी आयोजकों पर केस दर्ज
इतना ही नहीं नारायण राणे की ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के आयोजकों के खिलाफ पालघर जिले के वसई और विरार इलाकों में मामले दर्ज किए गए हैं. एक अधिकारी ने कहा कि यात्रा शनिवार को आयोजित की गई थी और मानिकपुर, तुलिंज, काशीमीरा, वालिव, वसई और विरार पुलिस थानों में कोरोना मानदंडों और निषेधाज्ञा के उल्लंघन से संबंधित मामले दर्ज किए गए है. उन्होंने कहा कि आयोजकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं.