केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्राकृतिक खेती को अभियान के रूप में अपनाना चाहिए ताकि किसान समृद्ध बने, समाज स्वस्थ हो तथा जमीन को भी खराब होने से बचा सके। प्राकृतिक खेती पर किसानों के साथ आयोजित संवाद में शाह ने यह बात कही। गांधीनगर राजभवन के सभागार से गुजरात के किसानों के साथ वर्चुअल संवाद करते हुए केंद्रीय मंत्री शाह ने कहां की प्राकृतिक खेती रासायनिक खाद बीज रहित होने के साथ पानी के कम उपयोग के साथ की जाती है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इसके सफल प्रयोग किए हैं और आज उनका यह प्रयोग एक अभियान के रूप में अपना ही जाने की जरूरत है ताकि हम देश में दूसरी हरित क्रांति ला सकें। गुजरात के 50 फ़ीसदी किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं हम इस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। इससे किसान प्रगतिशील होंगे समृद्ध बनेंगे साथ ही जमीन भी उपजाऊ बनेगी और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
गांधीनगर से लोकसभा सदस्य एवं केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किसानों को वर्चुअल संबोधन में कहा की गुजरात के प्रगतिशील किसानों ने फल-फूल अनाज तथा सब्जियों का प्राकृतिक खेती के जरिए उत्पादन कर अपना पैसा बचाने के साथ जमीन को भी स्वस्थ बनाया है। इससे हमारे समाज को भी रसायन मुक्त सब्जी, फल व अनाज प्राप्त होता है जिससे वह स्वस्थ बनता है।
अमित शाह के साथ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत एवं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी किसान संवाद में भाग लिया। केंद्रीय मंत्री शाह गुजरात की यात्रा पर है परिवार में किसी समधी का निधन हो जाने के कारण वे मकर सक्रांति नहीं बना सके लेकिन अपने क्षेत्र के किसानों से संवाद के लिए शनिवार को गांधीनगर राजभवन पहुंचे जहां राज्यपाल देवव्रत की प्राकृतिक खेती के प्रयोगों की उन्होंने किसानों के साथ चर्चा की। गुजरात में भी राज्यपाल देवव्रत लंबे समय से किसानों के साथ मिलकर प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता का काम कर रहे हैं। आचार्य देवव्रत राज्य के किसानों के साथ चर्चा के अलावा विविध शहर में गांव में सम्मेलन तथा कार्यशाला ओं का आयोजन कर किसानों को जीरो बजट खेती सिखा रहे हैं।