गरमपानी : कुमाऊं में एक बार फिर से कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमीक्रान का खतरा बढ़ता जा रहा है। नए केसों में लगातार उछाल देखने के लिए मिल रहे हैं। गुरुवार को नैनीताल जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट सुयालबाड़ी में प्रधानाचार्य समेत 11 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 496 नौनिहालों के सैंपल लेकर कोरोना जांच को भेज दिए हैं। विद्यालय में बीते माह कुछ अध्यापकों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद अब प्रधानाचार्य और नौनिहालों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी को विद्यालय में ही आइसोलेट कर सतर्कता बढ़ा दी है। सीएचसी गरमपानी के कोरोना नोडल अधिकारी मदन गिरी और गिरीश पांडे ने इसकी पुष्टि की है। अचानक कोरोना के मामले मिलने से स्वास्थ्य विभाग के साथ विद्यालय प्रबंधन भी सकते में है।
किच्छा में भाई-बहन में मिला डेल्टा वेरिएंट
किच्छा के बंडिया में डेढ़ माह पहले भाई-बहन में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। दोनों के सैंपल ओमिक्रोन वेरिएंट की जांच को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए देहरादून भेजे गए थे। बुधवार शाम आई रिपोर्ट में दोनों में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है। नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. अविनाश खन्ना ने बताया कि बंडिया गांव निवासी 34 वर्षीय बहन व 24 वर्षीय उसके भाई में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है। दोनों ही पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। पूर्व में ही घर के सभी दूसरे सदस्यों की सैंपङ्क्षलग कराई गई थी। सतर्कता की दृष्टि से कंटेनमेंट जोन भी बनाया गया था। जिले में इसके पहले जून में जीनोम सीक्वेंङ्क्षसग रिपोर्ट आई थी। जिसमें लखनऊ के एक छात्र में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई थी। वह अपनी चाची के पास दिनेशपुर आया था। वहीं दूसरा युवक जिला अस्पताल से भाग निकला था। बाद में वह ट्रेस नहीं हो सका था।
सीमाओं पर नहीं बरती जा रही सतर्कता
बता दें कि देशभर में नए कोविड केसों में अचानक से उछाल देखने के लिए मिल रहा है। ओमीक्रान का संक्रमण भी तेजी से बढ़ रहा है। पड़ोसी राज्य दिल्ली में सर्वाधिक केस आ रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड के लिए भी खतरा बढ़ा है। दिल्ली से राज्य की सीधे कनेक्टिविटी है। नए साल पर पर्यटकों को भी खूब आमद है। राज्य के लोग दिल्ली में नौकरी करते हैं, जिनकी यहां नियमित आवाजाही है। बार्डर, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे पर जिस तरह की मुस्तैदी दिखनी चाहिए, वह अभी भी नहीं दिख रही। सैंपलिंग के नाम पर भी बस रस्मअदायगी ही की जा रही है। सिस्टम की यह चूक राज्य में तीसरी लहर के लिए राह प्रशस्त कर रही है।