किसानों की ओर से किए गए 26 मार्च के भारत बंद के आह्वान को पंजाब में पूरा समर्थन मिला। आम लोग अपनी दुकानें बंद कर किसानों का समर्थन कर रहे हैं। शुक्रवार को 80 फीसदी बाजार बंद रहे। बीस फीसदी खुली दुकानों में मेडिकल सेवाओं की दुकानें शामिल हैं। संगरूर, सुनाम, बठिंडा, गुरदासपुर और पटियाला में बंद का पूरा प्रभाव दिखा।
पठानकोट में पंजाब-हिमाचल सीमा पर किसानों ने धरना लगा दिया और हिमाचल से आने वाले लोगों को सीमा पर ही रोक दिया गया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। विभिन्न किसान संगठनों के लोग धरने में सम्मिलित हैं। वहीं जाम से हिमाचल से आने वाले लोग परेशान हो रहे हैं। पठानकोट के चक्की पुल पर धरने के कारण 2 किमी लम्बा ट्रैफिक जाम लग गया है।
मोहाली में भारत बंद का पूरा असर दिखा। शहर की सभी मार्केट्स बंद हैं। केवल जरूरी सामान वाली दुकानें खुली हैं। एयरपोर्ट रोड, बनूड़ खरड़ हाईवे, चंडीगढ़ लुधियाना हाईवे, मुल्लांपुर सिसवां हाईवे को किसानों ने जाम कर दिया है। वहीं इससे ऑफिस जाने वाले लोग परेशान हैं। गांव के रास्ते भी बंद कर दिए गए हैं।
बठिंडा में कीरती किसान यूनियन के बैनर तले किसानों की ओर से शुक्रवार सुबह बठिंडा अमृतसर नेशनल हाईवे पर बीचों बीच वाहन खड़े कर सड़क को बंद किया गया। इसके अलावा प्राइवेट एवं सरकारी बसें बंद रही। किसान नेता हनी सिंह का कहना था कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से बंद कर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का मामला अकेले किसानों का नहीं बल्कि हर आम वर्ग के लोगों का है। आम लोगों को भी किसानों का साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं चंडीगढ़ में पेंडू संघर्ष कमेटी चंडीगढ़ और नौजवान किसान एकता के सभी नेता और कार्यकर्ता मुल्लांपुर बॉर्डर पर पहुंचे हैं। गांव में दुकानें खुली हैं। किसानों ने दुकानदारों से बंद करने की अपील की थी। अपील के साथ यह भी कहा था कि चाहे दुकान बंद रखें या खोलें, किसी के साथ जबरदस्ती नहीं है।
होशियारपुर में बंद का पूर्ण असर देखने को मिला। शहर के सभी बाजार और दुकानें बंद रही। सुबह जल्दी खोली जाने वाली बेकरी और हलवाई की दुकान आधे शटर के साथ सुबह कुछ देर के लिए खुली लेकिन दिन चढ़ते ही वह भी बंद हो गईं। शहर में सड़कों पर पूर्ण सन्नाटा पसरा है और आवाजाही भी नगण्य है। शहर में बस अड्डे से कोई बस नहीं चली और ऑटो रिक्शा भी नहीं चल रहे हैं।
किसान नेताओं ने कहा है कि भारत बंद में शामिल होने के लिए किसी से जबरदस्ती नहीं की जाएगी। साथ ही किसी तरह से शांति व्यवस्था भी नहीं बिगड़ने दी जाएगी। इसके लिए संगठनों के नेता खुद भी नजर रखेंगे। टीकरी बॉर्डर पर हुई मुख्य सभा में किसान नेताओं ने किसानों से बंद को शांतिपूर्ण ढंग से सफल बनाने का आह्वान किया था।