कितनी होनी चाहिए एसआइपी की अवधि, जानिए एक्सपर्ट का नजरिया…

नई दिल्ली (धीरेंद्र कुमार, वैल्यु रिसर्च)। यह एक ऐसा सवाल है जो तमाम म्यूचुअल फंड निवेशकों के सामने खड़ा हो जाता है जब वे सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआइपी) के माध्यम से निवेश करने के बारे में सोचते हैं। यह सवाल होता है कि जब आपके पास निवेश करने के लिए एकमुश्त राशि है, तो एसआइपी की अवधि क्या होनी चाहिए? बेशक ज्यादातर एसआइपी निवेश के लिए यह सवाल नहीं उठता है।

कितनी होनी चाहिए एसआइपी की अवधि, जानिए एक्सपर्ट का नजरिया...

एसआइपी निवेश का सबसे आम प्रकार मासिक होता है। यह मासिक आय से निकलता है। इस प्रकार का एसआइपी निरंतर जारी रहता है। वास्तव में ऐसा करने के लिए न तो अलग से समय निकालने की जरूरत पड़ती है और न ही परेशान होना पड़ता है। यह निवेश का आसान तरीका है।

हालांकि, कभी-कभार एसआइपी निवेशक को एकमुश्त बड़ी रकम मिलती है। यह कार्यस्थल से बोनस हो सकता है (हालांकि आजकल यह दुर्लभ है), या यह अचल संपत्ति जैसी कुछ परिसंपत्तियों की बिक्री से आय हो सकती है। फिर यह रिटायरमेंट के बाद मिली रकम भी हो सकती है। जैसा कि हर बचतकर्ता को पता होना चाहिए, इक्विटी समर्थित म्यूचुअल फंड में निवेश करना पांच से सात वर्षो या उससे अधिक की लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न प्राप्त करने का सर्वोत्तम तरीका है। हालांकि, कम अवधि के लिए इक्विटी फंडों के साथ भारी जोखिम जुड़ा होता है। जब आप एक साथ बड़ी राशि का निवेश करते हैं, तो जोखिम सबसे ज्यादा हो जाता है।

यदि बाजार सुस्त है तो आप निवेश की गई राशि का 10, 20 या इससे भी अधिक फीसद बहुत जल्दी खो सकते हैं। 1979 में सेंसेक्स की शुरुआत के बाद से लगभग 13,900 संभव छह माह की अवधि में करीब-करीब 2,269 को 20 फीसद से भी ज्यादा का नुकसान हुआ। यदि आप शुरुआत में इस तरह की अवधि में पड़ गए, तो बढ़ने की बजाय आप अपनी पूंजी का एक बड़ा हिस्सा खो देंगे।

सैद्धांतिक रूप से आप अंतत: इस नुकसान से उबर सकते हैं, लेकिन व्यावहारिक तौर पर आप शायद घबराकर अपनी बची हुई पूंजी को बाहर निकाल लें। इससे आपको हुआ नुकसान स्थायी रूप से रह जाएगा। इसकी दवा है एसआइपी। एक निश्चित अवधि को तय करें और मासिक तौर पर निवेश शुरू करें। इससे आप अचानक गिरावट के जोखिम से बच जाएंगे। साथ ही समय के साथ आपके प्रवेश करने की कीमत औसत आधार पर पहुंच जाएगी। इसके अलावा, जब बाजार निचले स्तर पर होगा तो आप फंड की अधिक यूनिटें खरीद लेंगे, जो आपको अंत में मिलने वाले रिटर्न को और बढ़ा देगा। ये निश्चित रूप से वे फायदे हैं जो एसआइपी के साथ आते ही हैं। सवाल उठता है कि यह ‘निश्चित अवधि’ क्या हो जिसका मैंने उल्लेख किया है? क्या यह छह महीने हो? या फिर एक साल? दो साल? या इससे भी ज्यादा? इसके पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए तर्क हैं।
पिछले हफ्ते, मैंने ऐतिहासिक एसआइपी रिटर्न पर शोध प्रोजेक्टों के बारे में लिखा जिसे वैल्यू रिसर्च ने अंजाम दिया। इसमें हमने देखा था कि चार साल या उससे अधिक के लिए वास्तव में एसआइपी सुरक्षित होते हैं। इस अध्ययन में हमने पाया था कि औसतन अगर आप चार वषों के लिए एसआइपी में निवेश करते हैं, तो नुकसान का जोखिम नगण्य हो जाता है। यह देखना भी दिलचस्प था कि हानि के जोखिम और बाहरी लाभ की संभावना दोनों छोटी अवधि से अधिक हैं। लंबी अवधि में, आप अच्छे और बुरे समय के एक औसत पर पहुंच जाते हैं। दशकों के इतिहास के साथ एक विशिष्ट फंड के लिए, सभी संभावित एक वर्ष की अवधि के दौरान अधिकतम रिटर्न 160 फीसद और न्यूनतम शून्य से 57 फीसद कम यानी -57 फीसद होता है। दो वषों में यह 82 फीसद और शून्य से 34 फीसद कम हो जाता है। तीन से अधिक के लिए 63 फीसद और -18 फीसद।

पांच से अधिक के लिए 54 फीसद और 4 फीसद। यानी नुकसान का मतलब ही नहीं है। दस वषों के लिए यह अधिकतम 30 फीसद व न्यूनतम 13 फीसद है। इन आंकड़ों से एक बात स्पष्ट हो जाती है। अवधि जितनी कम होगी लाभ की संभावना ज्यादा होगी लेकिन संभावित जोखिम भी कई गुना होगा। इस आंकड़ों से यह भी साफ है कि एसआइपी तीन साल से अधिक समय तक रहना चाहिए। और वास्तव में यदि आप नुकसान का शून्य जोखिम चाहते हैं, तो यह सही उत्तर है। हालांकि, कई निवेशों के लिए यह अवधि बहुत लंबी है।

यदि आप अपने नियोक्ता से वार्षिक बोनस प्राप्त कर रहे हैं, तो यह तीन या चार वषों में निवेश के लिए हास्यास्पद होगा। दूसरी ओर, यदि आपने कोई पैतृक संपत्ति बेची है | 

 

 

 

 

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