कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गुरुवार को बीजेपी ज्वाइन कर ली है। इससे पहले कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। भाजपा से उनकी नजदीकियों की खबरों के बीच पार्टी ने उन्हे सभी पदों से पिछले दिनों हटा दिया था। सूत्रों के मानें, तो बीजेपी उन्हें टिहरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है।
उपाध्याय को लेकर लंबे समय से ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी और उनके हर मूवमेंट को संदेह की नजर से देखा जा रहा था। कभी पीएम नरेंद्र मोदी की देहरादून में हुई रैली में उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाह उड़ी। कभी उनके दूसरे दलों में जाने की चर्चा रही। अटकलों के दौर के बीच किशोर ने कहा था कि वनाधिकार के मुद्दे पर वे सभी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। लेकिन, आज उन्होंने बीजेपी का दामन थाम ही लिया।
बीजेपी ज्वाइन करने के बाद किशोर ने कहा कि उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर लेजाने के लिए उन्होंने कांग्रेस छोड भाजपा ज्वाइन की है। भाजपा ज्वाइन करने के पीछे की वजह पर किशोर ने कहा कांग्रेस पार्टी से इसकी असली वजह पूछी जानी चाहिए कि उन्होंने कांग्रेस का ‘हाथ’ क्यों छोड़ा। कहा कि वह बीजेपी की विचारधार को आमजन तक पहुंचाएंगे।
44 साल से कांग्रेस से जुड़े हैं किशोर
किशोर उपाध्याय वर्ष 1978 से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। पार्टी के साथ उनका लंबा साथ रहा है। वर्ष 2002 और वर्ष 2007 में वे टिहरी से विधायक रहे। वर्ष 2012 में वे टिहरी से चुनाव हार गए थे। 2017 में वे अपनी परंपरागत सीट टिहरी को छोड़ कर चुनाव लड़ने देहरादून सहसपुर सीट पर पहुंचे। यहां से भी उन्हें हार मिली। 2014 में उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वे 1991 से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे।