राज्यसभा चुनाव में विधायकों में भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा की सेंध के डर कांग्रेस अपने और समर्थक विधायकों की तीन से दस जून तक बाड़ेबंदी करेगी। इन विधायकों को एक साथ होटल में रखा जाएगा। बाड़ेबंदी के लिए जयपुर और उदयपुर में एक-एक होटल बुक करवाए गए हैं। विधायकों को दस जून को मतदान के दिन होटल से सीधे विधानसभा लाया जाएगा। इससे पहले बुधवार से कांग्रेस के चिंतन शिविर में किए गए बड़े फैसलों को धरातल पर उतारने को लेकर दो दिवसीय शिविर की शुरुआत हुई। जयपुर के आमेर क्लार्क्स होटल में शुरू हुए इस कैंप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ ही मंत्री,विधायक और वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं। बृहस्पतिवार को शिविर समाप्त होने के बाद होटल से सीधे विधायकों को बाड़ेबंदी में ले जाया जाएगा। कांग्रेस को गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे 13 निर्दलीय विधायकों में टूट की आशंका है। मंगलवार को सीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में चार विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद यह चिंता ज्यादा बढ़ गई है। इस बीच, कांग्रेस के विधायकों में भी राज्यसभा चुनाव में तीनों प्रत्याशी बाहरी होने पर नाराजगी है। कई विधायकों ने बुधवार को शिविर के दौरान सीएम के समक्ष इस बात पर नाराजगी जताई।
शिविर में इन मुद्दों पर मंथन
चिंतन शिविर में किए गए बड़े फैसलों को धरातल पर उतारने, युवाओं को 50 फीसद सत्ता और संगठन में पद देने, एक परिवार में एक व्यक्ति को टिकट देने, लगातार पांच साल से ज्यादा एक पद पर नहीं रहने के प्रावधानों के साथ आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन सुधारने पर मंथन हो रहा है। डोटासरा ने नेताओं से कहा कि नेताओं के सुझावों को सौ फीसदी लागू करना संभव नहीं होगा। अंतिम फैसला कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। इसलिए यह नहीं माना जाए कि जो कह दिया वह लागू होगा। शिविर में भाजपा की तर्ज पर मंडल गठित करने पर चर्चा हुई। ब्लाक कांग्रेस कमेटी और बूथ इकाई के बीच नई यूनिट मंडल बनाई जाएगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने संगठन को मजबूत करने के साथ ही कार्यकर्ताओं को धरातल पर रहकर भाजपा का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की बात कही।
कांग्रेस की चिंता बढ़ी
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक, प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के समर्थन से सुभाष चंद्रा के नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों ने चंद्रा को समर्थन देने की बात कही है।
यह है वोटों का गणित
200 सदस्यीय विधानसभा में प्रत्येक उम्मीदवार को जीत के लिए 41-41 वोट चाहिए । कांग्रेस के खुद के 109 वोट हैं। कांग्रेस को अब तक उम्मीद थी कि सरकार को समर्थन दे रहे 13 निर्दलीय विधायक राज्यसभा चुनाव में उसके साथ रहेंगे, लेकिन चार निर्दलय विधायकों के रूख से कांग्रेस की चिंता बढ़ी है। माकपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो-दो विधायक सरकार को समर्थन दे रहे हैं। लेकिन राज्यसभा चुनाव में आदिवासी को उम्मीदवार नहीं बनाने पर ट्राइबल पार्टी के विधायक कांग्रेस से नाराज हैं। तीनों उम्मीदवारों के लिए 123 विधायकों के वोट जरूरी हैं। बदले हालात में अगर तीन विधायकों के वोट भी इधर-उधर हो गए तो कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार की हार हो सकती है। कांग्रेस 126 विधायकों के समर्थन का दावा है। कांग्रेस के इस दावे के बावजूद सेंध का खतरा बना हुआ है।