कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद से राजनीति गरमाई हुई है।आज चेन्नई में कांग्रेस के विधायक विरोध जताने के लिए काली शर्ट पहनकर विधानसभा पहुंचे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद से राजनीति गरमाई हुई है। नाराज सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। इस कड़ी में आज चेन्नई में कांग्रेस के विधायक विरोध जताने के लिए काली शर्ट पहनकर विधानसभा पहुंचे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।
‘कांग्रेस के सभी नेता पूरे देश में हाहाकार मचा रहे’
कांग्रेस के लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन पर अब केंद्रीय मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने को लेकर कांग्रेस के सभी नेता पूरे देश में हाहाकार मचा रहे हैं…फैसले के बाद ने जिस तरह न्यायपालिका व न्यायधीश पर प्रश्न खड़े किए उससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी, पार्टी नेतृत्व और उसके नेताओं को न तो संविधान में और न ही न्यायपालिका में विश्वास है।
‘वीर सावरकर का किया अपमान’
केंद्रीय मंत्री ने को लेकर कहा कि उन्होंने अप्रासंगिक तरीके से वीर सावरकर का नाम लेकर उनका अपमान किया और कई लोगों की भावनाओं को आहत किया।
अगर सावरकर को जानना है तो एक बार अंडमान की जेल में 5 मिनट के लिए मौन बैठिए, वहां की दीवारें आज भी सावरकर के संघर्ष की साक्षी हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने राहुल गांधी को आदतन अपराधी की तरह काम करते देखा है। 2018 में जब राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी तो उन्होंने माफी मांगकर अपना बचाव किया। उन्हें याद रखना होगा कि ने उन्हें भविष्य में ऐसी गलतियां करने से बचने को कहा था।
‘माफी को उन्होंने अपमान समझा’
जीएस शेखावत ने कहा कि को न्यायालय द्वारा क्षमा याचना का अवसर दिए जाने के बावजूद माफी नहीं मांगी। अहंकारवश उन्होंने इसे अपना अपमान समझा। सजा सुनाए जाने के बाद जिस तरह से ने कोर्ट, न्यायपालिका और जज पर सवाल उठाए, उससे साफ हो गया है कि पार्टी, पार्टी के नेतृत्व और नेताओं को संविधान और न्यायपालिका पर भरोसा नहीं है। बता दें कि सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी को आरोपी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है। सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है।