मंगलवार को विश्वास मत प्रस्ताव में हार के बाद कांग्रेस कर्नाटक की सत्ता से बाहर हो गयी है। अब सिर्फ चार राज्यों एवं एक केंद्रशासित प्रदेश में ही उसकी सरकारें बची हैं। कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिरने साथ ही दक्षिण भारत में कांग्रेस किसी भी राज्य में सत्ता में नहीं रह गई है, हालांकि केंद्रशासित पुडुचेरी में जरूर उसकी सरकार है. पिछले साल कर्नाटक में जद(एस) के साथ मिलकर सरकार बनाते हुए कांग्रेस ने राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी थी। कांग्रेस अब पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी में सत्तासीन है।
इस साल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 2014 के आम चुनाव की तरह एक बार फिर करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके करीब दो महीने बाद ही कर्नाटक में सरकार का गिरना पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है. उधर, भाजपा और उसके सहयोगी दल इस वक्त देश के कुल 16 राज्यों में सत्तासीन हैं, जिनमें राजनीतिक रूप से बेहद अहम उत्तर प्रदेश और बिहार भी शामिल हैं. कर्नाटक में सरकार बनाने की स्थिति में पार्टी सहयोगी दलों के साथ कुल 17 राज्यों में सत्तासीन हो जाएगी।
विश्वास प्रस्ताव पर चार दिनों की बहस के बाद कर्नाटक में एच. डी. कुमारस्वामी की सरकार गिर गई है. विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस व जनता दल सेक्युलर (जद-एस) की गठबंधन सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर सकी। 225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत के लिए 20 विधायक सदन में उपस्थित नहीं हुए थे. विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने विश्वास मत के बाद सदन के सदस्यों को बताया कि मुख्यमंत्री एच. डी. कुमार स्वामी विश्वास मत हासिल नहीं कर सके। उन्होंने बताया कि विश्वास मत के पक्ष में 99 जबकि इसके खिलाफ 105 मत पड़े हैं।