बिहार सरकार एक बार फिर राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर के कलाकारों को कला सम्मान देने की तैयारी में है। कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने इसके लिए तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। विभाग विगत कुछ वर्षों से बिहार कला पुरस्कार सह सम्मान योजना के तहत चाक्षुस, प्रदर्श कला के क्षेत्र में देश और प्रदेश के कलाकारों को सम्मानित करता है।
विभाग ने चाक्षुस कला को चार, प्रदर्श कला को छह भागों में बांटा है। कला पुरस्कार सह सम्मान 2018-19 योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के कलाकार, कला समीक्षक, इतिहासकार और विद्वान पुरस्कारों के लिए उत्कृष्ट कला मर्मज्ञों के नाम की अनुशंसा कर सकते हैं। कलाकार स्वयं भी अपने नाम का दावा पुरस्कार के लिए कर सकेंगे।
आवेदन करने अथवा नामों की अनुशंसा करने की मियाद 31 जुलाई निर्धारित है। नवोदित कलाकारों के लिए विभाग ने 15 से 40 वर्ष की आयु निर्धारित की है। जबकि स्थापित वरिष्ठ कलाकार के लिए उम्र सीमा 40 वर्ष से ऊपर निर्धारित की गई है। कला पुरस्कारों के तहत चयनित कलाकार को पचास हजार से दो लाख रुपये तक की सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र दिए जाते हैं।
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक चाक्षुस कला के क्षेत्र में काम करने वाले कलाकारों को आर्ट फोटोग्राफी के लिए राधा मोहन पुरस्कार, समकालीन कला के क्षेत्र में महिला कलाकारों को कुमुद शर्मा पुरस्कार, लोक कला के क्षेत्र में सीता देवी पुरस्कार, लेखन के क्षेत्र में दिनकर पुरस्कार दिया जाएगा।
प्रदर्श कला के क्षेत्र में शास्त्रीय गायन के लिए पं. रामचतुर मलिक पुरस्कार, रंगमंच के लिए भिखारी ठाकुर पुरस्कार, लोक गायन के लिए विंध्यवासिनी देवी पुरस्कार, कला लेखन में रामेश्वर सिंह काश्यप पुरस्कार, वाद्य वादन के लिए बिस्मिल्लाह खां और शास्त्रीय, लोकनृत्य के लिए अम्बपाली पुरस्कार दिए जाते हैं। इन पुरस्कारों के साथ ही राज्य के दो वरिष्ठ कलाकारों को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी दिया जाता है।