करतारपुर गलियारे को चालू करने के समझौते पर भारत और पाकिस्तान के हस्ताक्षर करने के बाद तीर्थयात्रियों के लिये ऑनलाइन पंजीकरण बृहस्पतिवार को शुरू हो गया। इस गलियारे के जरिए भारत के सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान स्थित दरबार साहिब जा पाएंगे। समझौते पर हस्ताक्षर के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए आज एक ऑनलाइन पोर्टल (prakashpurb550.mha.gov.in) चालू हो गया।
यहां अंतरराष्ट्रीय सीमा स्थित ‘जीरो प्वॉइंट’ पर करतारपुर साहिब गलियारा को चालू करने के तौर तरीकों पर बृहस्पतिवार (24 अक्टबूर) को पाकिस्तान के साथ भारत के हस्ताक्षर करने के बाद यह कदम उठाया गया है। तीर्थयात्रा पर जाने के इच्छुक लोगों को इस पोर्टल में ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा।
तीर्थयात्रियों को यात्रा की तिथि से तीन-चार दिन पहले उनके पंजीकरण की पुष्टि के बारे में एसएमएस या ईमेल के जरिए सूचना दी जाएगी। एक ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन’ भी जारी किया जाएगा। बयान में कहा गया कि तीर्थयात्री जब यहां पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग पहुंचेंगे, तब उन्हें अपने पासपोर्ट के साथ ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन’ भी अपने पास रखना होगा।
करतारपुर गलियारा पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नरोवल जिला स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगा। समझौते के मुताबिक भारत यात्रा की तारीख से 10 दिन पहले पाकिस्तान को तीर्थयात्रियों की सूची भेजेगा। यात्रा की तारीख से चार दिन पहले तीर्थयात्रियों की इसकी पुष्टि भेजी जाएगी।
पाकिस्तान ने भारत को लंगर और प्रसाद वितरण के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने का भरोसा दिलाया है। बयान में कहा गया है कि सभी धर्मों के भारतीय तीर्थयात्री एवं भारतीय मूल के लोग गलियारे का इस्तेमाल कर सकेंगे और वीजा मुक्त यात्रा कर सकेंगे।
इसमें कहा गया है कि करतारपुर गलियारा सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहेगा। सुबह तीर्थयात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को उसी दिन शाम तक लौटना होगा और यह गलियारा सालों भर चालू रहेगा। सिवाय अधिसूचित दिनों को छोड़ कर, जिस बारे में पूर्व सूचना दे दी जाएगी। तीर्थयात्रियों के पास अकेले या समूह में जाने की और पदयात्रा करने का विकल्प होगा।
चर्चा में मुख्य विषय प्रति तीर्थयात्री से प्रति यात्रा सेवा शुल्क के तौर पर पाकिस्तान द्वारा 20 डॉलर वसूले जाने पर जोर दिया जाना था। बयान में कहा गया है कि भारत ने पाक से लगातार अनुरोध किया है कि वह तीर्थयात्रियों पर किसी तरह का सेवा शुल्क नहीं लगाए। भारत ने यह अनुरोध फिर से दोहराया है। सेवा शुल्क माफ करने से पाकिस्तान के इनकार करने पर भारत ने अत्यधिक निराशा जताई है।
इसमें कहा गया है कि समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भी भारत इस विषय पर पाकिस्तान से पुनर्विचार करने का अनुरोध करना जारी रखेगा। भारत इसके मुताबिक समझौते में संशोधन करने को तैयार है। यह भी कहा गया कि भारत बारहमासी संपर्क पर जोर देना जारी रखेगा। बयान में कहा गया है कि यह उम्मीद जताई जा रही है कि पाकिस्तान अपनी सीमा के अंदर यथाशीघ्र पुल बनाने के आश्वासन को पूरा करेगा।
करतारपुर गलियारे के समय पर उदघाटन के लिये राजमार्ग और यात्री टर्मिनल सहित सभी जरूरी बुनियादी ढांचा पूरा होने के करीब है। समझौते पर हस्ताक्षर के कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ पंजाब सरकार के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 22 नवंबर को एक संकल्प पारित किया था कि गुरु नानक देव जी के 550 प्रकाश वर्ष को पूरे देश में और दुनिया भर में भव्य तरीके से मनाया जाएगा।