भारत में मधुमेह को लेकर जागरुकता की कमी है। यही कारण है कि ज्यादातर लोगों को यह मालूम ही नहीं है कि वे मधुमेह से पीडि़त हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो वर्तमान में भारत में करीब 6.2 करोड़ लोग मधुमेह से पीडि़त हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह संख्या 2025 में बढ़कर 7 करोड़ तक पहुंच सकती है।
जीवनशैली की बीमारी कही जाने वाली डायबिटीज, दुनिया में दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के लिए एक विशाल सार्वजनिक स्वास्थ्य बाधा है। मधुमेह से गुर्दे की क्षति और हृदय रोग सहित जानलेवा जटिलताओं का खतरा बढ़ा सकता है।
युवाओं की बढ़ती संख्या के कुछ प्रमुख कारण हैं
इस बारे में बात करते हुए, पद्म श्री अवार्डी, डॉ. के के अग्रवाल, अध्यक्ष, एचसीएफआई ने कहा कि प्रोसेस्ड एवं जंक फूड से भरपूर उच्च कैलोरी वाला आहार, मोटापा और निष्क्रिय जीवन, देश में मधुमेह पीडि़त युवाओं की बढ़ती संख्या के कुछ प्रमुख कारण हैं। समय पर ढंग से जांच न कर पाना और डॉक्टर के निर्देषों का पालन न करना उनके लिए और भी जटिल हो जाता है, जिससे उन्हें अपेक्षाकृत कम उम्र में अन्य संबंधित परेशानियों में फंसने का खतरा हो जाता है।
एक धारणा यह भी है कि क्योंकि टाइप 2 मधुमेह वाले युवाओं को इंसुलिन की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए यह उतना भयावह नहीं है जितना कि लगता है। हालांकि, यह एक गलत धारणा है। इस स्थिति में तत्काल उपचार और प्रबंधन की आवश्यकता होती है।
टाइप 2 मधुमेह के लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होते हैं। उनमें से कुछ में प्यास और भूख में वृद्धि, बार-बार पेशाब आना, वजन कम होना, थकान, धुंधली नजर, संक्रमण और घावों का धीमी गति से उपचार और कुछ क्षेत्रों में त्वचा का काला पडऩा शामिल हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- 1. बीपी कम ही रखें। एलडीएल यानी ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल का स्तर, रैस्टिंग हृदय गति, चीनी और पेट के निचले स्तर की चौड़ाई को 80 से कम रखें।
- 2. प्रतिदिन 80 मिनट पैदल चलें। सप्ताह में 80 मिनट (कम से कम) प्रति मिनट 80 कदम की गति से तेज दौड़ें।
- 3. भोजन कम ही खाएं। प्रत्येक भोजन में 80 ग्राम या एमएल से अधिक कैलोरी न लें।
- 4. वर्ष में 80 दिन बिना अनाज वाला उपवास करें।
- 5. धूम्रपान न करें। वरना उपचार के लिए रु. 80,000 अलग करके रखें।
- 6. एल्कोहॉल ना पिएं। यदि आप इसे लेते हैं, तो पुरुषों के लिए प्रति दिन 80 मिलीलीटर (महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत) या प्रति सप्ताह 80 ग्राम से अधिक का उपभोग न करें। 30 मिलीलीटर शराब या एक औंस 80 प्रूफ लिक्वर में दस ग्राम अल्कोहल मौजूद होता है।
- 7. यदि आप हृदय रोगी हैं, तो एक दिन में 80 मिलीग्राम एस्पिरिन और 80 मिलीग्राम एटोरवास्टेटिन लेने पर विचार करें।
- 8. किडनी और फेफड़े के कार्य को 80 प्रतिशत से अधिक रखें।
- 9. पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर वाले धूल कणों से बचें।
- 10. शोर के 80 डीबी स्तर के संपर्क में आने से बचें।
- 11. साल में 80 दिन धूप से विटामिन डी लें।
- 12. प्राणायाम (पैरासिम्पेथेटिक ब्रीदिंग) के 80 चक्र प्रति दिन 4 मिनट की गति से करें।
- 13. हर दिन खुद के साथ 80 मिनट बिताएं (विश्राम, ध्यान, दूसरों की मदद करना आदि)।
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