नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी के फैसले पर वर्ल्ड बैंक (विश्व बैंक) का कहना है कि अगर यह सफल रहता है तो यह राजस्व बढ़ाने के लिहाज से फायदेमंद रहेगा। यह बात विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट में कही गई है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला बीते साल 8 नवंबर को लिया था, जिसके बाद बाजार में प्रचलित 86 फीसद करेंसी को अमान्य कर दिया गया था।
विश्व बैंक की रिपोर्ट में क्या कहा गया:
विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया, “नोटबंदी की सफलता से ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स के दायरे में आ सकेंगे। वित्त वर्ष 2016-17 में भारत ने नोटबंदी और एमनेस्टी स्कीम के जरिए अघोषित आय को टैक्स के दायरे में लाने में सफलता हासिल की है।” ‘इंडियाज ग्रेट करंसी एक्सचेंज’ नाम से लिखे गए चैप्टर में विश्व बैंक की ओर से टिप्पणी की गई, “अगर नोटबंदी के जरिए अघोषित आय को टैक्स के दायरे में सफलता मिलती है तो फिर यह स्थिति हमेशा के लिए हो सकती है।”
विश्व बैंक का मानना है कि नोटबंदी के जरिए सरकार अर्थव्यवस्था को नियमित और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ सकती है। वित्त वर्ष 2008-09 में भारत की अर्थव्यवस्था का आधा हिस्सा अनअकाउंटेड था और 82 फीसद लोगों को गैर-कृषि कार्यों में रोजगार मिला हुआ था। विश्व बैंक के मुताबिक नोटबंदी के चलते अनियमित अर्थव्यवस्था में शामिल संसाधनों को नियमित इकॉनमी में शामिल किया जा सकेगा।