उत्तर प्रदेश सेतु निगम के अधिकारियों की लापरवाही से वाराणसी में मंगलवार को निर्माणाधीन चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर पर एक और हादसा होते-होते बच गया। 14 दिन पहले हुए हादसे वाले पिलर के ठीक बगल वाले पिलर नंबर 77 और 78 की बीम भी अपनी जगह से खिसक रही थी।
गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन ने मंगलवार को निर्माणाधीन फ्लाईओवर की बीम की जांच कराई तो यह खुलासा हुआ। 15 मई को इसी निर्माणाधीन फ्लाईओवर के पिलर नंबर 79 से 80 के बीच के दो बीम गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई थी और 11 लोग घायल हुए थे।
शाम चार बजे जिले के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को सूचना मिली कि वसुंधरा कॉलोनी की साइड में फ्लाईओवर की एक बीम खिसक रही है। इंटरलॉक नहीं होने के कारण बीम किसी भी वक्त गिर सकती है।
मौके पर पहुंचे सेतु निगम के अधिकारियों की ओर से इसकी पुष्टि के बाद पुलिस और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में लहरतारा चौराहा से इंग्लिशिया लाइन तिराहे के बीच आवागमन रोक दिया गया।
ट्रैफिक पुलिस ने लहरतारा चौराहा से इंग्लिशिया लाइन के बीच दोपहिया वाहनों के आवागमन के साथ ही पैदल चलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। फ्लाईओवर के आसपास की कॉलोनियों के लोगों से कहा गया है कि वे इंग्लिशिया लाइन से लहरतारा मार्ग पर न आएं-जाएं और आसपास के वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें।
इस एहतियात के बाद फ्लाईओवर की बीम को व्यवस्थित कराने का काम शुरू कराया गया। जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने कहा कि निर्माणाधीन फ्लाईओवर के सभी बीम को दो दिन में इंटरलॉक कर सुरक्षित करने के लिए संबंधित अधिकारियों से कहा गया है।
बाकी बीम के खिसकने का खतरा बरकरार
चौकाघाट फ्लाईओवर हादसे की जांच कर रही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की तकनीकी कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन माह तक बीम खिसकती रही। जिसके चलते हादसा हुआ। वाहनों के कंपन से यदि दो बीम खिसक कर गिर सकती हैं तो बाकी बची बीमों के खिसकने का खतरा है।
रिपोर्ट की जानकारी मिलने के बाद सेतु निगम ने सेफ्टी के लिए विभागीय जांच मंगलवार को शुरू कराई। यातायात विभाग के साथ मौके का निरीक्षण करने के बाद एहतियातन कैंट से लहरतारा जाने वाले मार्ग को लोहे की बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया गया है।
तकनीकी कमेटी में शामिल पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता वाईके गुप्ता, सुनील कुमार गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कमेटी का अनुमान है कि प्रतिदिन 1 से 2 मिलीमीटर अपने स्थान से बीम खिसकी है।
सेतु निगम के अधिकारियों ने एहतियात के लिए बाकी बची बीम के नीचे लकड़ी का गुटका लगाया है। यही नहीं दो बीम से निकले सरिया को वेंल्डिंग करके जोड़ा है। बावजूद इसके बेयरिंग पर रखी गई बीम की जांच की जा रही है।
अन्य जो बीम अपने स्थान से खिसकी होंगी तो उन्हें पुन: अपने स्थान पर लाया जाएगा। निरीक्षण के बाद सेतु निगम के महाप्रबंधक एके श्रीवास्तव ने कहा कि एक्सीडेंट प्वाइंट पर क्रास बीम डाली जाएगी। बीम अभी जुड़े नहीं हैं इस नाते अभी बीम की टेंडेंसी डगमगाने की है। 100 से अधिक क्रास बीम डाली जाएगी। जून माह का समय लग जाएगा। जहां बीम रखी गई है।
15 दिन बाद भी दोषियों को चिह्नित नहीं कर पाई पुलिस
निर्माणाधीन चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के दो बीम गिरने से हुए हादसे में 15 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के मामले में कसूरवारों की गिरफ्तारी तो दूर अब तक उन्हें चिह्नित भी नहीं कर पाई है।
हादसे पर सिगरा थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना कर रही क्राइम ब्रांच की अब तक की पूरी कार्रवाई दुर्घटना स्थल का मौका मुआयना, बयान दर्ज करने और सेतु निगम के अभियंताओं से कागजात जुटाने तक ही सीमित है।
15 मई की शाम कैंट रेलवे स्टेशन के समीप एईएन कॉलोनी के सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर के दो बीम सड़क पर गिर गए थे। बीम से दबे वाहनों में 15 लोगों की मौत हुई थी। घटना को लेकर सिगरा थाने में पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया और विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंपी गई।
तब से लेकर अब तक क्राइम ब्रांच की सारी कार्रवाई मौका मुआयना और बयान दर्ज करने तक सीमित है। पखवारे भर बाद भी मामले में कोई गिरफ्तारी न होने और दोषियों को चिह्नित तक न कर पाने पर सवाल उठने लगे हैं।
वहीं, एसएसपी राम कृष्ण भारद्वाज का कहना है कि कि मामला तकनीकी होने के कारण रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के एक्सपर्ट की राय मांगी गई है। उनकी टीम ने मौका मुआयना कर आगामी एक हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है। रिपोर्ट के आधार पर दोषियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।