ऋषभ पंत ने खोला अपना राज- इस ट्रिक से एडिलेड में छुआ था वर्ल्ड रिकॉर्ड…

पंत ने पीटीआई से कहा, ‘इंग्लैंड में कीपिंग करना बिल्कुल अलग तरह का अनुभव था. उस दौरे के बाद मैंने एनसीए में किरण सर (मोरे) के साथ काम किया. इसमें हाथ की स्थिति और शरीर की मुद्रा पर ध्यान देना शामिल था. हर विकेटकीपर का अपना तरीका होता है. मैंने थोड़ा सा बदलाव किया, जिसका मुझे फायदा मिला.’


विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा कि पूर्व खिलाड़ी किरण मोरे की देखरेख में विकेट के पीछे मेहनत करने से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनमें काफी सुधार हुआ. इंग्लैंड में चुनौतीपूर्ण हालात में विकेट के पीछे खराब प्रदर्शन के लिए आलोचना झेलने वाले पंत ने ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन किया. इंग्लैंड में लाल ड्यूक गेंद की स्विंग के कारण पंत ने बाई के रूप में काफी रन दिए थे. ऑस्ट्रेलिया में हांलाकि उन्होंने 20 कैच पकड़कर वापसी की, जिसमें एडिलेड में विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए 11 कैच लपकना भी शामिल है.

1. जैक रसेल (इंग्लैंड)-11 कैच, विरुद्ध साउथ अफ्रीका, जोहानिसबर्ग 1995

2. एबी डिविलियर्स (साउथ अफ्रीका)-11 कैच, विरुद्ध पाकिस्तान, जोहानिसबर्ग 2013

3. ऋषभ पंत (भारत)-11, विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड 2018

पंत ने हालांकि ज्यादा विस्तार से चर्चा तो नहीं की, लेकिन मोरे ने उनके बदलाव की बुनियादी चीजों के बारे में बताया. अनुभवी कोच और राष्ट्रीय चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष मोरे ने कहा, ‘मैंने ऋषभ के कीपिंग के तरीके में बदलाव किया. इससे संतुलन बनाए रखने, सिर को सीधा रखने में मदद मिलती है. यह उसी तरह है, जिससे महेंद्र सिंह धोनी को सफलता मिली.’

पंत हर दिन अपने खेल में सुधार करना चाहते हैं, जिसमें विकेटकीपिंग भी शामिल है. उन्होंने कहा, ‘जब आप कम उम्र में टीम का हिस्सा बनते हैं तब आप अधिक से अधिक सीखने की कोशिश करेंगे, बेहतर है कि आप उन मौकों का फायदा उठाएं, जो आपको मिले.’

पंत की करियर का बड़ा बदलाव इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट मैच के बाद आया, जहां उन्होंने शतकीय पारी खेली थी. इसका असर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दिखा, जहां उन्होंने विकेट से पीछे और विकेट के आगे शानदार प्रदर्शन किया.

धोनी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जा रहे 21 साल के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘जब मैंने इंग्लैंड में शतकीय पारी खेली, तो आत्मविश्वास एक अलग स्तर पर पहुंच गया था. उसके बाद मैं लगातार सोचने लगा कि कुछ क्षेत्रों में कैसे सुधार कर सकता हूं. इंग्लैंड में शुरू हुई सीखने की प्रक्रिया का फायदा ऑस्ट्रेलिया में मिला.’

पंत से जब पूछा गया कि आईपीएल में उन पर बड़ा दांव लगा है, जहां वह दिल्ली कैपिटल्स टीम का हिस्सा है, तो उन्होंने कहा, ‘असुरक्षा का माहौल हमेशा आपके साथ रहेगा, चाहे आप भारत के लिए खेलें या अपने आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए. एक खिलाड़ी की पहचान उसी बात से होती है कि वह मुश्किल स्थिति से निपट कर कैसा प्रदर्शन करता है.’

पिछले सत्र में दिल्ली (तब डेयरडेविल्स) की टीम के लिए 52.61 की औसत से 684 रन बनाने वाले पंत एक बार फिर उस प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे और वह शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करना चाहते हैं. उन्होंने आगामी सत्र में दिल्ली के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताते हुए कहा, ‘एक बल्लेबाज के तौर पर मैं शीर्ष क्रम में खेलना चाहूंगा, लेकिन टीम संयोजन काफी जरूरी है.’

पंत ने कहा, ‘टीम का नाम, जर्सी में बदलाव हुआ है और नए खिलाड़ी भी आए हैं. यह अनुभव और युवा का अच्छा मिश्रण है. उम्मीद है कि गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन होगा और दिल्ली कैपिटल्स के लिए यह शानदार टूर्नामेंट होगा.’

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