‘ऊँ’ आकार के गणेश जी इसलिए खास होते ….

हिन्दू धर्म में सभी कामो की शुरुआत के पहले भगवान गणेश को याद याद करने की मान्यता है और भगवान गणेश हमारे सभी विघ्नो को हरते है. भगवान गणेश के अनेक रुप है और जानकारों के मुताबिक सभी रूपों की अलग अलग मान्यता है. जूनी इंदौर में पगड़ी वाले गणेश पश्चिम क्षेत्र के गणेश भक्तों के बीच विशेष स्थान रखते हैं। उनकी पूजा-अर्चना के लिए बुधवार और शनिवार को भक्तों का तांता लगा रहता है। माना जाता है कि भगवान गणेश की इस प्रतिमा की स्थापना 150 वर्ष पहले की गई थी। भगवान का यह स्वरूप पार्थिव गणेश कहलाता हैं। उनकी सूंड ओंकार आकार वाली है। यहां गणेशोत्सव की शुरुआत 1942 में नवभारत मंडल द्वारा की गई।

 

 

कहते हैं यहां मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है। यहां गणेशोत्सव के दौरान पहले बड़ा रावला के जमींदार भी शामिल होते थे। मंदिर में गणेश चतुर्थी, शिवरात्रि और बसंत पंचमी पर मुख्य आयोजन होते हैं। यहाँ भक्तो का ताँता लगा रहता है और भगवान गणेश भक्तो की सभी मुरदे पूरी करते है. शनिवार को शनि मंदिर के साथ ही गणेश मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर के पुजारी श्याम गोविंद खरगोनकर बताते है कि होलकर बाड़े में विराजित होने वाले सरकारी गणेशजी की पालकी भी इसी मंदिर से निकलती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com