महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि राज्य में कभी भी चुनाव हो सकते हैं और उनकी पार्टी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र बहादुरों की भूमि है गद्दारों की नहीं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि राज्य में कभी भी चुनाव हो सकते हैं और उनकी पार्टी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। 23 अप्रैल को जलगांव में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने यह टिप्पणी की है।
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भविष्यवाणी की थी कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मौजूदा महाराष्ट्र सरकार ‘अगले 15-20 दिनों’ के भीतर गिर जाएगी। ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव कभी भी हो सकते हैं, आज भी हम तैयार हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। उसके बाद कभी भी कुछ भी हो सकता है।
ठाकरे का शिंदे से सवाल
ठाकरे ने आगे भाजपा) से स्पष्टीकरण मांगा कि अगर अगले साल सीएम शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, तब भी शिंदे-गुट को कुल 288 में से केवल 48 सीटें आवंटित की जाएंगी। बता दें कि राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि शिंदे की पार्टी को केवल 48 सीटें (कुल 288 में से) आवंटित की जाएंगी। क्या भाजपा केवल 48 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी?
जब छिन गया चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम
उल्लेखनीय है कि पिछले साल के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी नेताओं ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने और राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के बाद पिछले साल ठाकरे को उनके मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था। चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में शिवसेना का आधिकारिक चुनाव चिन्ह धनुष-तीर और पार्टी का नाम शिंदे गुट को दे दिया था। इसके बाद ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह वापस करने की मांग की है। बता दें कि यह मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
राज्य पर लगे कलंक को किया साफ- ठाकरे
अन्य बागी नेताओं का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी और समर्थक यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘गद्दारों’ का राजनीतिक रूप से अंत हो। उन्होंने कहा कि देशद्रोह के कारण बने राज्य पर लगे कलंक को साफ कर दिया है। महाराष्ट्र बहादुरों की भूमि है, गद्दारों की नहीं।
अटकलें लगाई जा रही है कि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार जल्द ही एमवीए को छोड़ भाजपा का दामन थामेंगे। हालांकि, पार्टी प्रमुख शरद पवार ने पहले ही कहा था कि पार्टी के भीतर ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है। एनसीपी महा विकास अघडी (एमवीए) का एक तिहाई हिस्सा है, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस त्रिपक्षीय गठबंधन में अन्य दो सहयोगी हैं।