उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से मुसीबत बढ़ती ही जा रही है। प्रदेश में बदरीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री हाईवे समेत 176 मार्गों पर यातायात बाधित है। अकेले गढ़वाल मंडल में यह आंकड़ा 133 है, जबकि कुमाऊं में यह संख्या 43 है। गौरीकुंड के पास केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण श्रद्धालु दूसरे दिन भी केदारनाथ नहीं जा पाए। प्रशासन ने यात्रियों को सोनप्रयाग में रोका हुआ है। नदियां उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा के पार बह रही है। मसूरी और दून में आज तड़के से झमाझम बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश को राहत मिलेगी। आज चमोली में बदरीनाथ हाईवे पिनोला, लामबगड़, क्षेत्रपाल और बिरही में खोल दिया गया है, जबकि रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड हाईवे मुनकटिया से आगे अवरुद्ध है।
पिथौरागढ़ में एक मकान ढहा, मलबे में दबने से पिता, पुत्र और पुत्री की मौत
पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय के बिण ब्लॉक के मटियानी चैसर में आज शुक्रवार को एक पुराना मकान ढह गया। मलबे में दबकर पिता, पुत्र और पुत्री की मौत हो गई, जबकि मृतक युवक की पत्नी घायल है। घटना आज सुबह तीन बजे के आसपास की है। चैसर निवासी खुशाल नाथ पुत्र गोविंद नाथ का पुराना मकान बारिश से ध्वस्त हो गया। मकान में रहने वाले परिवार के चार सदस्य खुशाल नाथ, उसकी पत्नी, चार साल का पुत्र और दो साल की पुत्री मलबे में दब गए। घटना घटते ही पड़ोसियों द्वारा बचाव कार्य चलाया गया। साथ ही सूचना पुलिस और 108 को दी। चारों लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल लाया गया। खुशाल नाथ ( 27 वर्ष), धनंजय (4 वर्ष) पुत्र खुशाल नाथ, निकिता (2 वर्ष) पुत्री खुशाल नाथ की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गई। निधि पत्नी खुशाल नाथ घायल है। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। मौके पर एसडीएम तुषार सैनी और पुलिस सीओ राजन रौतेला पहुंचे हैं।
गुरुवार को भले ही प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में छिटपुट बारिश हुई, लेकिन सड़कों पर भूस्खलन की मार जारी है। बुधवार को भारी बारिश के बीच गौरीकुंड के पास हो रहे भूस्खलन के कारण प्रशासन ने सोनप्रयाग में यात्रियों को रोक दिया था। यहां 100 यात्री मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। गौरीकुंड के पास गुरुवार को भी हाईवे बाधित रहा। इस कारण प्रशासन ने श्रद्धालुओं को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी। यात्रा मजिस्ट्रेट सोनप्रयाग एमएल अंजवाल ने बताया कि पैदल मार्ग पर भी कुछ स्थानों पर पहाड़ों से पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ में कोई यात्री नहीं है।
इसके अलावा बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग टिहरी और चमोली जिले में दो स्थानों पर बंद है। चमोली में कुल 43 सड़कें मलबा आने से बाधित हैं। हालांकि सीमा सड़क संगठन और लोक निर्माण विभाग की टीम सड़कें खोलने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन दरकती पहाडिय़ों से इसमें मुश्किल आ रही है। बदरीनाथ के पास गोविंदघाट में हाईवे चौड़ीकरण के दौरान एक विशाल बोल्डर गिरने से जेसीबी क्षतिग्रस्त हो गयी। जेसीबी ऑपरेटर ने भागकर जान बचाई। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर नौ घंटे बाद यातायात बहाल किया जा सका, जबकि यमुनोत्री हाईवे दो स्थानों पर बंद है।
दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ में हालात गंभीर हैं। भू-स्खलन के चलते छह घंटे तक पिथौरागढ़ का संपर्क भंग रहा। बुधवार की रात टनकपुर-तवाघाट हाईवे और हल्द्वानी-घाट मार्ग मलबा आने से बंद हो गया। सुबह टनकपुर और हल्द्वानी से पिथौरागढ़ आने जाने वाले वाहन लगभग पांच घंटे तक फंसे रहे। लगभग छह घंटे बाद सुबह करीब दस बजे लोनिवि की टीम ने मलबा हटाया, तब जाकर फंसे वाहन निकल सके। चीन सीमा को जोडऩे वाले तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख, तवाघाट- तिदांग, मुनस्यारी-मिलम मार्ग सहित 25 मार्ग बंद हैं।