रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को देहरादून में शहीद सम्मान यात्रा का समापन करेंगे। देहरादून के गुनियाल गांव में निर्माणाधीन सैन्यधाम के लिए शहीदों के घरों की मिट्टी जुटाने के लिए उक्त यात्रा बीते एक माह से प्रदेश के सभी जिलों से होकर गुजरी है। राज्य सरकार ने इसे उत्तराखंड का पांचवां धाम नाम दिया है। सैन्य धाम अगले दो साल में बनकर तैयार होगा।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि करीब पचास बीघा जमीन पर बनने वाले सैन्य धाम के मुख्य गेट का नाम पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा। इसमें प्रथम विश्वयुद्ध के बाद शहीद हुए उत्तराखंड के सभी वीर सैनिकों के नाम अंकित होंगे। जोशी ने बताया कि रक्षा मंत्री बुधवार साढ़े ग्यारह बजे यात्रा का समापन करेंगे। इस मौके पर रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहेंगे।
दस हजार से अधिक पूर्व सैनिकों की रहेगी मौजूदगी: जोशी
एक महीने से जारी शहीद सम्मान यात्रा का आज देहरादून में भव्य समापन होने जा रहा है। समापन अवसर पर प्रस्तावित जनसभा में दस हजार से अधिक पूर्व सैनिकों की उपस्थिति रहेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम पुष्कर सिंह धामी को जनसभा को खासतौर पर संबोधित करेंगे। प्रदेश के सैनिक कल्याण गणेश जोशी ने मंगलवार को विधानसभा में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि सैन्य धाम के लिए शहीदों के आंगन की मिट्टी जुटाने के लिए गत 15 नवंबर को चमोली के सवाड़ गांव से यात्रा का शुभारंभ किया गया था।
इसका समापन बुधवार को सैन्य धाम के लिए प्रस्तावित जगह गुनियाल गॉव में होगा। उन्होंने बताया कि बीते एक माह के दौरान यात्रा सभी जिलों और 95 ब्लॉकों से होकर गुजरी, इसमें कुल 1734 शहीद परिवारों से सम्पर्क कर, उनके घरों की पवित्र मिट्टी एकत्रित की गई। इस पवित्र मिट्टी को सैन्य धाम में अमर ज्योति के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा। जोशी ने बताया कि बुधवार को देहरादून जिले के 204 शहीद परिजनों को भी सम्मानित भी किया जायेगा। इस दौरान दस हजार से अधिक पूर्व सैनिक भी उपस्थित रहेंगे।
साजो सामान पहुंचा देहरादून
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि करीब 50 बीघा जमीन में बनने वाले सैन्य धाम पर 63 करोड रूपये की लागत आएगी, यह दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा। जिसमें प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अब तक शहीद हुए उत्तराखंड के वीर जवानों के चित्र विवरण के साथ लगाए जाएंगे। सैन्य धाम में अमर जवान ज्योति के साथ ही बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह के दो मंदिर भी होंगे।
शहीद धाम में थियेटर, गन, ट्रैंक इत्यादि प्रमुख आकर्षण के केन्द्र होंगे। उक्त साजो सामान देहरादून पहुंच गया गया है। उन्होंने बताया कि सैन्य धाम के लिए रास्ता संबंधित कोई विवाद नहीं है। यहां पहुंचने के लिए एक और वैकल्पिक मार्ग बनाया जाना है, जिसके लिए भू स्वामी ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।