उत्तराखंड सरकार राज्य के 36 इंजीनियरों और अधिकारियों को दो साल का पार्ट टाइम एग्जीक्यूटिव एमबीए कोर्स कराएगी। इस पर आने वाला पूरा खर्चा सरकार वहन करेगी।
प्रबंधन और तकनीकी के क्षेत्र में नवीनतम जानकारी देने के लिए यह कोर्स कराया जा रहा है। ताकि विकास कार्यों में आधुनिक तकनीक और प्रबंधन का उपयोग हो सके। यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में चयनित कार्मिकों को इसी माह से कोर्स में दाखिला मिलेगा।
प्रबंधन और तकनीक में आए दिन बदलाव हो रहे हैं। निजी कंपनियों से लेकर संस्थान इसका उपयोग कर आगे बढ़ रहे हैं। मगर, सरकारी संस्थानों में वर्षों पुरानी तकनीक और प्रबंधन पर काम चल रहा है। इन सब को ध्यान में रखते हुए राज्य योजना आयोग के नियोजन विभाग ने कार्मिकों को आधुनिक तकनीक और प्रबंधन में अपडेट रखने का निर्णय लिया है।
इसमें नए इंजीनियरों को छोड़ वर्षों पूर्व इंजीनियरिंग कर विभाग में काम करने वाले सहायक अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक को पार्ट टाइम एग्जीक्यूटिव एमबीए कराने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत इंजीनियङ्क्षरग और प्रबंधन से जुड़े विभागों से कार्मिकों के नाम मांगे गए। इसमें नौ विभागों के 36 कार्मिकों की कोर्स के लिए सहमति मिली है।
नियोजन विभाग ने इनकी सूची भी जारी कर दी है। चयनित कार्मिकों को दो साल तक विभागीय कामकाज के साथ हर माह के दूसरे शनिवार और रविवार को अनिवार्य रूप से क्लास करनी पड़ेगी।
50 लाख होंगे खर्च
सरकार चयनित 26 कार्मिकों के एमबीए पर एक लाख 10 हजार फीस, टीए-डीए का पूरा खर्चा वहन करेगी। यह खर्चा सरकार संबंधित विभाग के मार्फत करेगी।
आधे में कोर्स छोड़ा तो वसूली
एमबीए कोर्स करने वाले कार्मिक बीच में कोर्स नहीं छोड़ सकेंगे। यदि दाखिले के बाद कोर्स छोड़ा तो 10 फीसद ब्याज समेत फीस की रकम वसूल की जाएगी। इसके अलावा कोर्स पूरा करने के बाद दो साल तक विभाग नहीं छोड़ सकेंगे।
राज्य के काम आएगा ज्ञान
प्रदेश के नियोजन सचिव अमित नेगी के अनुसार, इंजीनियरों को अपडेट करने के लिए यह कोर्स कराया जा रहा है। इसमें 36 कार्मिकों का चयन हुआ है। इनको दो साल तक एग्जीक्यूटिव एमबीए कराया जाएगा। कोर्स करने के बाद इंजीनियरों का ज्ञान राज्य के काम आएगा।