लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जिले जिले पद्मावती से अब पद्मावत नाम वाली फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर आंदोलन हो रहा है। इसके तहत जुलूस, तोड़फोच, आगजनी, पुतला दहन, ज्ञापन और जौहर जैसे प्रदर्शन के तरीके अपनाए जा रहे हैं। इसी क्रम में आज कल्कि नगरी संभल में सक्रिय एक संगठन खून से खत लिखकर इसे रोकने की गुहार राष्ट्र प्रमुख तक पहुंचाई है।लखीमपुर, संभल, फैजबाद और यूपी की राजधानी लखनऊ समेत ज्यादातर जिलों में क्षत्रिय और राजपूत समाज के संगठनों ने प्रर्दशन किया।
कुछ जिलों में पद्मावत रिलीज रोकने के लिए सोमवार को बंद का आह्वान किया गया है। पद्मावत के विरोध में तोडफ़ोड़ और आगजनी भी की गई। कुछ स्थानों पर फिल्म विरोध के उपद्रवियों में भाजपा समर्थक भी शामिल नजर आए। पद्मावत फिल्म को लेकर क्षत्रिय समाज का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ग्र्रेटर नोएडा में जहां करणी सेना व कई अन्य राजपूत संगठनों के युवकों ने रविवार सुबह से लेकर शाम तक जमकर उत्पात मचाया, मॉल व रोडवेज बस में तोडफ़ोड़ की, एक्सप्रेस वे जाम कर दिया, वहीं नोएडा में डीएनडी टोल बूथ पर जमकर हंगामा व तोडफ़ोड़ की।
प्लास्टिक के एक बैरियर में आग कुछ वाहनों में तोडफ़ोड़ की गई। वहां मौजूद कुछ लोगों से मारपीट भी हुई है। इसके अलावा अलीगढ़ में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने एलान किया है कि 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही फिल्म पद्मावत नहीं चलने देंगे। इसका विरोध हथियारों से किया जाएगा। इसी तरह संभल में क्षत्रिय समाज ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है।
तीन किलोमीटर लंबा जाम
नोएडा में पद्मावत फिल्म के विरोध में सैकड़ों युवकों ने रविवार दोपहर डीएनडी टोल बूथ पर जमकर हंगामा, तोडफ़ोड़ व आगजनी की। इस कारण डीएनडी पर दिल्ली और नोएडा की तरफ करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इस जाम में भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद लालकृष्ण आडवाणी का काफिला भी फंस गया। बाद में पुलिस ने एक दर्जन उपद्रवी युवकों को हिरासत में लिया है। इसी तरह ग्र्रेटर नोएडा में करणी सेना व कई अन्य राजपूत संगठनों के युवकों ने जमकर उत्पात मचाया। प्रदर्शनकारियों ने ग्रांड वेनिस मॉल के बाहर एसओ रबूपुरा राजवीर ङ्क्षसह चौहान को गोद में उठा लिया और नारे लगाए। युवकों ने बीटा दो सेक्टर में स्थित मॉल में और रोडवेज बस में तोडफ़ोड़ की।
प्रदर्शन करने वालों में भाजपा समर्थक
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे व परीचौक जाम कर दिया। प्रदर्शन करने वालों में भाजपा समर्थक भी शामिल रहे। दरअसल, राजपूतों के इतिहास को लेकर विवादों से घिरी फिल्म पद्मावत से सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाते हुए सिनेमाघरों पर रिलीज करने का निर्णय सुनाया था। 25 जनवरी को देश भर के सिनेमाघरों में फिल्म को रिलीज किया जाएगा। राजपूत संगठन फिल्म नहीं रिलीज करने की मांग कर रहे हैं। शहर में स्थित पांच मल्टीप्लेक्स के प्रबंधन को राजपूत संगठन के युवकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके यहां 25 जनवरी को पद्मावत फिल्म रिलीज हुई तो अंजाम बुरा होगा। एसपी देहात सुनीति का कहना है कि तोडफ़ोड़ करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बताया जाता है कि उपद्रवी युवकों में भाजपा के भी कुछ कार्यकर्ता शामिल थे।
अलीगढ़ में हथियारों के प्रयोग की धमकी
अलीगढ़ में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने बैठक कर एलान किया है कि अलीगढ़ में फिल्म नहीं चलने देंगे। इसका विरोध हथियारों से किया जाएगा। बैठक में संगठन के प्रदेश महासचिव कमल प्रताप, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश चौहान, प्रदेश संगठन मंत्री डीपी सिंह आदि मौजूद थे। सम्भल में क्षत्रिय समाज ने फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध की मांग करते हुए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है। फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।
पद्मावत फिल्म पर कमेंट को लेकर मारपीट, तनाव
शामली में पद्मावत फिल्म के विरोध में फेसबुक पर राजपूत समाज की पोस्ट पर जय भीम लिखने को लेकर शनिवार रात हरड़ फतेहपुर गांव में विवाद हो गया। दलित समाज के एक युवक के साथ मारपीट की गई। इससे गांव में तनाव पसर गया। पद्मावत फिल्म के विरोध में गांव के युवक सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे थे। इस पर दलित समाज के एक युवक ने कमेंट में जय भीम लिख दिया। रात कुछ देर बाद लगभग नौ बजे गांव के ही दो युवक आरोपी युवक के घर पहुंच गए। दोनों युवकों ने उसे घर से बाहर बुलाकर मारपीट की। उसकी दादी के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। दोनों पक्षों के लोग घरों से निकल आए। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर मामला शांत कराया। गांव हरड़ फतेहपुर निवासी नितिन पुत्र पाल्लाराम ने थाने में तहरीर दी थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।
जाने पद्मिनी नारियों का सच
फिल्म पद्मावती यानी बदले नाम वाली पद्मावत पर उठे विवाद के बाद पद्मिनी स्त्रियों की बात बार-बार सामने कौधती रहती है। दरअसल सिंहल द्वीप की राजकुमारी पद्मावती एक पद्मिनी थी। यानी वह सोलह कलाओं से परिपूर्ण थी। पद्मिनी नारियों के चार कला लम्बे, चार कला छोटे, चार कला पुष्ट और चार कला पतले होते हैं। भारतीय मिथ में लक्ष्मीनाराण को सोलह कलाओं से परिपूर्ण कहा जाता है। अतः उससे विवाह करने वाला उससे किसी तरह कम नहीं होता। ऐसेी नारियां धरती पर कभी कभी आती हैं। मार्कण्डेय पुराण में धनोपार्जन के उपायों का वर्णन पद्मिनी विद्या का वर्णन है। यहां पद्मिनी को लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है।