उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) मुसलमानों के खिलाफ नहीं है और न ही किसी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। हमें आम मुसलमानों की आवाज सुननी है। वे प्रगति करना चाहते हैं लेकिन, सपा, बसपा व कांग्रेस की सरकारों में ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने मुसलमानों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया।
उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले के देवबंद में जमीयत उलमा ए हिंद (जेयूएच) के सम्मेलन में रविवार को की ओर से समान नागरिक संहिता का विरोध करने के लिए तीन प्रस्ताव पारित करने के बाद दानिश आजाद अंसारी ने पत्रकारों से कहा कि देश में मुसलमानों को हर अधिकार मिल रहे हैं। मुस्लिम महिलाओं को भी वे अधिकार दिए गए हैं जिनकी उन्होंने मांग की थी।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि हम हर तरह से मुसलमानों की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं। समान नागरिक संहिता को लागू करके समाज में सकारात्मक बदलाव लाएंगे। मंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार लगातार अल्पसंख्यकों के बारे में बात करती रही है। हमने अल्पसंख्यकों को सभी प्रत्यक्ष लाभ दिए हैं। सरकार उनकी प्रगति के बारे में सोचती है।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले के बारे में पूछे जाने पर दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि यह मामला अभी अदालत में है। कोर्ट जो भी फैसला करेगी, हर कोई उसका सम्मान करेगा। हम सभी को ऐसे मुद्दों पर अनावश्यक विवाद से बचना चाहिए। ये लोगों में भ्रम का माहौल पैदा करते हैं। धार्मिक स्थलों पर विवाद एकता और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए अच्छे नहीं हैं।