एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है जिसकी वजह से उनके साइबर अपराधियों के जाल में फंसने का अंदेशा बना रहता है। शहरी क्षेत्रों में 98.8 प्रतिशत बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इनमेंं से 54.6 प्रतिशत बच्चों का पासवर्ड काफी कमजोर होता है जिसकी वजह से उनके साइबर अपराधियों के जाल में फंसने का अंदेशा बना रहता है।

एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। टेलीनॉर इंडिया द्वारा देश के 13 शहरों में 2,700 छात्र-छात्राओं के बीच यह सर्वेक्षण किया गया। टेलीनॉर इंडिया की वेबवाइज रिपोर्ट के अनुसार 98.8 प्रतिशत शहरी बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें से 54.6 प्रतिशत बच्चों का इंटरनेट पासवर्ड काफी कमजोर होता है। इसमें या तो सिर्फ शब्दों या अंकों का इस्तेमाल किया गया होता है। वह भी आठ से कम अक्षरों में।
सर्वे में कहा गया है कि 54.82 प्रतिशत बच्चे अपने पासवर्ड को दोस्तों, परिवार या रिश्तेदारों से साझा करते हैं। वेबवाइज की रिपोर्ट के अनुसार 6 से 18 साल तक के 83.5 प्रतिशत बच्चे सोशल मीडिया पर सक्रिया है, जिससे उनके साइबर अपराध का शिकार होने का जोखिम अधिक है। अध्ययन के अनुसार 35 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि उनके अकाउंट को हैक किया गया, जबकि 15.74 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें कई बार अनुचित प्रकार के मैसेज मिले हैं।
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