मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को प्रत्येक वर्ष अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस तिथि पर माता पार्वती ने के तौर पर मनाया जाता है। परम्परा है कि एक बार पृथ्वी पर अन्न की कमी हो गई तथा मनुष्य अन्न को तरसने लगे थे। तब लोगों की समस्या को दूर करने के लिए माता पार्वती, अन्न की देवी अन्नपूर्णा के तौर पर अवतरित हुई थीं।
वही इस बार अन्नपूर्णा जयंती 19 दिसंबर रविवार के दिन पड़ रही है। प्रथा है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा की सच्चे दिल से आराधना करने से परिवार में कभी अन्न, जल तथा धन धान्य की कमी नहीं रहती। यहां जानिए इस दिन का महत्व…
अन्नपूर्णा जयंती का महत्व:-
अन्नपूर्णा जयंती का लक्ष्य मनुष्यों को अन्न की महत्ता समझाना है। अन्न से हमें जिंदगी प्राप्त होती है, इसलिए कभी अन्न का निरादर नहीं करना चाहिए तथा न ही इसकी बर्बादी करनी चाहिए। अन्नपूर्णा जयंती के दिन रसोई की सफाई करनी चाहिए तथा गैस, स्टोव एवं अन्न की पूजा करनी चाहिए। साथ-साथ जरूरतमंदों को अन्न दान करना चाहिए। प्रथा है कि इससे माता अन्नपूर्णा बहुत खुश होती हैं तथा अपने श्रद्धालुओं पर खास कृपा बनाकर रखती हैं। ऐसा करने से परिवार में हमेशा बरक्कत बनी रहती है, साथ ही अगले जन्म में भी घर धन धान्य से परिपूर्ण रहता है।