इस की उम्र में ही पीवी सिंधु ने थाम लिया था रैकेट, जीत चुकी हैं पद्मश्री पुरस्कार

5 जुलाई 1995 को तेलंगाना के हैदराबाद में जन्मीं पीवी सिंधु का बैडमिंटन में इंटरनेशनल करियर साल 2009 से आरंभ हुआ था. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाने के बाद इंटरनेशनल लेवल पर अपना पहला मेडल साल 2009 में जीता था. पीवी सिंधु के पिता पीवी रमन्ना और मां पी. विजया भी वॉलीबॉल प्लेयर रहे, किन्तु बेटी पीवी सिंधु ने बैडमिंटन को चुना. पीवी सिंधु के पिता पीवी रमन्ना को वर्ष 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. पीवी सिंधु ने मेंहदीपट्टनम स्थित सेंट ऐन्स कॉलेज फॉर वुमेन से शिक्षा प्राप्त की.

जब वर्ष 2001 में पुलेला गोपीचंद ने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया था, उस वक़्त सिंधु ने बड़ी होकर शटलर बनने का फैसला ले लिया था. उन्होंने सिर्फ 8 वर्ष की आयु में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था. उन्होंने महबूब अली की देखरेख में बैडमिंटन की बेसिक ट्रेनिंग सिकंदराबाद के रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिगनल इंजीनियरिंग ग्राउंड से आरंभ की थी. इसके बाद सिंधु ने पुलेला गोपीचंद की हैदराबाद स्थित गोपीचंद एकेडमी में प्रशिक्षण लेना आरंभ कर दिया था.

पीवी सिंधु ने इंटरनेशनल लेवल पर अपना पहला मेडल साल 2009 में जीता था. इसके बाद साल 2013 में उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में ब्रोंज मेडल जीता था. वो साल 2014 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों में ब्रोंज मेडल जीत चुकी हैं. उन्होंने साल 2016 में रियो डी जिनेरियो ओलंपिक और साल 2017 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. पीवी सिंधु को साल 2013 में अर्जुन अवॉर्ड, साल 2015 में पद्मश्री पुरस्कार और साल 2016 में राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

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