विप्रो ने अपने तिमाही नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी को वित्त वर्ष 23 के आखिरी तिमाही में 0.4 प्रतिशत का मामूली नुकसान हुआ है। लेकिन इसके बाद भी विप्रो के शेयरों में तेज बढ़त देखने को मिल रही है।
विप्रो द्वारा 12,000 करोड़ रुपये तक के शेयर पुनर्खरीद की घोषणा के बाद शुक्रवार को कारोबार में विप्रो के शेयरों में करीब चार प्रतिशत की तेजी आई। बीएसई पर स्टॉक 3.64 प्रतिशत उछलकर 388 रुपये पर पहुंच गया। एनएसई पर यह 3.63 प्रतिशत बढ़कर 388 रुपये पर पहुंच गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में यह सबसे बड़ी तेजी रही।
विप्रो बोर्ड ने गुरुवार को टेंडर ऑफर रूट के जरिए 12,000 करोड़ रुपये तक के शेयर बायबैक की घोषणा की, जिसमें 445 रुपये के बायबैक मूल्य पर 26.96 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल हैं।
ताबड़तोड़ चढ़े विप्रो के शेयर
पुनर्खरीद मूल्य पर बीएसई पर गुरुवार को बंद भाव 374.35 रुपये प्रति शेयर के मुकाबले 18 फीसदी प्रीमियम पर है। मार्च 2023 की तिमाही के लिए विप्रो ने अपने समेकित शुद्ध लाभ में 0.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,074.5 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की और कमजोर मैक्रो वातावरण के बीच जून तिमाही में आईटी सेवाओं के कारोबार से राजस्व में 1-3 प्रतिशत की क्रमिक गिरावट दर्ज की।
विप्रो ने Q4 FY2023 में 3,074.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। हालांकि, साल-दर-साल आधार पर 0.4 प्रतिशत की गिरावट थी। राजस्व सालाना आधार पर 11.7 प्रतिशत बढ़कर 23,190.3 करोड़ रुपये हो गया। विप्रो के सीईओ और प्रबंध निदेशक थियरी डेलापोर्टे ने इस बात पर जोर दिया है कि विप्रो के बिजनेस मॉडल में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
बायबैक का भी प्रस्ताव
चौथी तिमाही में साल दर साल (YoY) कंपनी के नियमित कारोबार से राजस्व 11 प्रतिशत बढ़कर 23,190 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी के बोर्ड ने टेंडर ऑफर के जरिए 445 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से शेयरों की बायबैक को मंजूरी दे दी है। वित्त वर्ष 23 में कंपनी का प्रॉफिट आफटर टैक्स (PAT) पिछले वित्त वर्ष में 12,229.6 करोड़ रुपये से 7.2% कम होकर 11,350 करोड़ हो गया।