चंडीगढ़। पाकिस्तान में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर पंजाब में राजनीति काफी गर्मा गई है। पूर्व क्रिकेटर कपिल देव व सुनील गावस्कर के इन्कार के बाद स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाक जाने पर संशय बरकरार है। सिद्धू ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पंजाब सरकार व केंद्र सरकार से इजाजत मांगी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि सिद्धू के जाने में उनको कोई आपत्ति नहीं है। इस मामले का राजनीतिक तूल देना सही नहीं है।
इमरान का शपथ ग्रहण समारोह खोल सकता है सिद्धू के लिए नए रास्ते
सिद्धू ने सोमवार को पाकिस्तानी एंबेसी में वीजा के लिए संपर्क साधा था। इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह पर पंजाब व भारत की निगाहें भी हैं। इन हलात में अगर सिद्धू पाकिस्तान जाते हैं, तो निश्चित तौर पर उन पर भी सभी की नजरें रहेेंगी। दोनों देशों में भले ही दुश्मनी की नींव लगातार गहरी होती जा रही हो, लेकिन लोगों के बीच नफरत के साथ प्यार भी पल रहा है। सिद्धू पाकिस्तान में भारत से जाने वाले शायद पहले नेता होंगे, जो वहां की सरकार के गठन व शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। दोनों देशों के बीच दशकों से चली आ रही नफरत के बीच अगर सिद्धू का दौरा होता है, तो यह नए समीकरण बना सकता है।
नवजोत सिद्धू पहले पहले भाजपा से सांसद थे और लंबे समय तक भाजपा का झंडा उठाकर सियासत करने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में आने के बाद सिद्धू पंजाब में कैबिनेट मंत्री भी बने। इमरान खान के साथ उनकी पुरानी दोस्ती भी रही है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि सिद्धू को पाकिस्तान में बोलने के लिए मंच भी उपलब्ध करवाया जा सकता है। तेज तर्रार भाषण शैली के लिए प्रसिद्ध सिद्धू का भाषण निश्चित तौर पर पाकिस्तानियों के दिल पर प्रभाव भी छोड़ सकता है।
सिद्धू को यह हो सकता है सियासी लाभ
पाकिस्तान दौरे के बाद सिद्धू को सियासी लाभ मिलना तय है। पंजाब में आज भी लाखों की संख्या में ऐसे लोग रहते हैं, जो बंटवारे का दर्द लेकर विभाजन का शिकार बने थे। यही हालत पाकिस्तान की है, जहां लाखों की संख्या में बंटवारे के बाद भारत से जाकर लोग बसे थे। इनके दिलों में सिद्धू को अलग स्थान भी मिलेगा, अगर सिद्धू दौरे पर जाते हैं।
सिद्धू के लिए अच्छा मौका होगा कि वह अपने जुमलों व बेबाक भाषणबाजी के चलते पाकिस्तानियों के बीच में अपनी अलग पहचान बना सकें। शायद यही वजह है कि सिद्धू पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह अपने पुराने दोस्त के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का मौका नहीं छोड़ना चाहते। भविष्य में भारत व पाक के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर सिद्धू पुल का काम भी कर सकते हैं।
नुकसान के लिए भी सिद्धू को रहना होगा तैयार
पाकिस्तान दौरे के बाद सिद्धू पर सुरक्षा एजेंसियों की नजरें भी रहेंगी। साथ ही सिद्धू को खास तौर पर इस बात का ध्यान रखना होगा कि पाकिस्तान की मीडिया के सामने वह कोई ऐसा बयान न दे जाएं, जिससे देशहित का नुकसान हो रहा हो। इसके अलावा विपक्ष के हमले के लिए भी सिद्धू को तैयार रहना होगा। सिद्धू के पाकिस्तान दौरे से पहले ही उनका विरोध भी शुरू हो गया है। इन हालात में सिद्धू के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वह पाकिस्तानियों में पॉजीटिव इमेज बनाकर किस प्रकार से सियासी कूटनीति में बैलेंस बना पाते हैं।
कैप्टन बोले- सिद्धू के जाने में कुछ भी गलत नहीं, इमरान के दोस्त हैं तो जा सकते हैं
दूसरी ओर, इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने की इच्छा को लेकर सिद्धू विरोधियों के निशाने पर हैं। ऐसे में उनको मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का साथ्ा मिला है। लुधियाना में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सिद्धू इमरान खान के शपथ ग्रहण में शामिल होने जा रहे हैं, तो इसमें क्या बुराई है। सिद्धू और इमरान खान ने एक साथ क्रिकेट खेला है और इमरान ने उन्हें वहां आमंत्रित किया है।
उन्होंने कहा कि सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर राजनीति और फालतू की बयानबाजी न की जाए। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने सिर्फ सिद्धू को ही निमंत्रण नहीं भेजा, बल्कि कपिल देव व गावस्कर को भी बुलाया है। उनमें से कौन जा रहा है और कौन नहीं जा रहा, यह सभी का व्यक्तिगत मामला है।
सुखबीर बोले- पाकिस्तान जाएं तो वहीं रहें
शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी सिद्धू पर तंज कसा है। सुखबीर ने कहा है कि बेहतर होगा सिद्धू पाकिस्तान में ही रह जाएं। उनके ऐसा करने से न केवल पंजाब में शांति आ जाएगी बल्कि देश में भी शांति आ जाएगी। सुखबीर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू पर चुटकी भी ली। उन्होंने कहा कि सिद्धू का पता नहीं वो कल क्या करेंगे, परसों क्या करेंगे और जो कुछ करेंगे उसका फायदा या नुकसान कितना होगा।