इन दमदार फैसलों ने जयललिता को बनाया ‘अम्‍मा’

img_20161206014836नई दिल्ली तमिलनाडु की सत्‍ता पर दो दशक से अधिक राज करने वाली जय‍ललिता ने हमेशा आम आदमी को ध्‍यान में रखा। सत्‍ता दर सत्‍ता उन्‍होंने ऐसे कई फैसले लिए, जो लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता को बुलंदियों पर ले गए।

अम्‍मा की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ था अम्‍मा उनवगम का। यह कैंटींस की ऐसी चेन है जिसमें काफी कम कीमत पर लोगों को भोजन मिलता है। खास बात ये है कि केवल गरीबों के लिए ही नहीं बल्कि सभी आय वर्ग के लोगों के लिए यह कैंटीन खुली रहती है।
इसे अम्‍मा ने 2013 में शरू किया था। अभी पूरे तमिलनाडु में इस तरह की 200 कैंटींस हैं। यहां दही-चावल और सांभर-चावल केवल 3 रुपए में मिलता है। दाल के साथ दो रोटी भी इसी कीमत पर खा सकते हैं। वीरप्‍पन का एनकाउंटर 2004 में जयललिता की सरकार के समय ही किया गया था। यह उनके सरकार की काफी बड़ी उपलब्धि थी। इसके बाद वे लोगों के बीच ऐसी अम्‍मा बनीं जिन्‍हें लोग अपनी रक्षक समझने लगे थे।
जयललिता ने 1992 में क्रेडल बेबी स्‍कीम लॉन्‍च की थी। इसे कन्‍या भ्रूण हत्‍या को रोकने के लिए किया आरंभ किया गया था। क्रेडल बेबी सेंटर्स में लोग अपने नवजात बच्चियों को छोड़कर जा सकते थे। इसके सेंटर कई जिलों में बनाया गया था। इसमें जीवनरक्षक दवाओं से लेकर गैस कनेक्‍शन तक का इंतजाम होता था। यह स्‍कीम काफी लोकप्रिय रही और लोगों ने इसे अम्‍मा का वरदान समझा।
वे हर बार चुनावों से पहले लोगों को फ्री सामान बांटा करती थीं। इस बार के इलेक्‍शन में भी एआईडीएमके ने हर परिवार के एक सरदस्‍य को नौकरी देने का वायदा किया था। साथ ही 11वीं व 12वीं के छात्रों को फ्री लैपटॉप बांटने के साथ इंटरनेट और हर घर को 100 यूनिट बिजली मुफ़त देने की घोषणा की थी।
बिना नमक हमारा खाना पूरा नहीं होता। इस मूलभूत आवश्‍यकता को समझकर अम्‍मा ने कम कीमत पर नमक बेचने का फैसला लिया। इसका नि‍र्माण तमिलनाडु साॅल्‍ट कॉरपोरेशन करता है। इसे बाजार में बिक रहे अन्‍य नमक की तुलना में सस्‍ता बेचा जाता है।
 

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