थोड़ी-सी धूप क्या लगी, आम ने स्वाद ही बदल लिया। कभी खट्टा, तो कभी मीठा। देखें, तो मुंह में पानी आ जाए। किचन में रखा हो, तो जी ललचाए। आम पापड़ चीज ही ऐसी है। भूमंडलीकरण के इस दौर में आम पापड़ भी ‘शान’ की बात है। आम पापड़ नाम जरा भ्रामक है। यह आम के जायके वाला पापड़ नहीं, बल्कि खट्ठे-मीठे स्वाद वाले एक चूरन की बिरादरी वाला खाद्य पदार्थ है, जिसके बारे में यह धारणा प्रचलित है कि यह छोटे बच्चों और महिलाओं की पसंदीदा चीज है।
अंग्रेजियत के मारे शहरियों को यह देहाती मेले-ठेले की सौगात लगती है, जिसे धूल-गर्द और मक्खियों के कारण परहेज करना ही बेहतर है। जो लोग लिंगभेदी अथवा भूरी साहबी मानसिकता के कारण आम पापड़ से कतराते रहे हैं, उन पर तरस ही खाया जा सकता है। वास्तव में, यह आम जैसे स्वादिष्ट फल का आनंद हर मौसम में ले सकने का स्वदेशी फल संरक्षण का पारंपरिक तरीका है, जिसका वर्गीकरण खानपान के विशेषज्ञ ‘फ्रूट लेदर’ की श्रेणी में करते हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal