ऐसा कहा जाता है कि मानों तो पत्थर भी भगवान होता है क्योंकि हर कोई वाकिफ है कि भगवान की मूर्ति का निर्माण पत्थर से ही होता है. मतलब एक पत्थर में भी जान होती है और जब यही पत्थर एक भगवान की मूर्ति का रूप ले लेता है तो उसमे देवी या देवताओं के अस्तित्व और उनकी शक्ति का वास हो जाता है. आज हम आपको बताने जा रहें हैं एक ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में जंहा आपस में मूर्तियां एक दूसरे से बात करती हैं.
जी हा यह हम नहीं बल्कि जब वैज्ञानिकों ने इसकी खोज की तो उन्होंने भी इस बात से इनकार नहीं किया. यह चमत्कारी मंदिर बिहार के बक्सर में स्थित है. बताया गया है कि करीब 400 वर्ष पहले इस मंदिर की स्थापना की गई थी. यही नहीं बल्कि ऐसा कहा जाता है कि शुरुआत से लेर आज तक इस मंदिर की सेवा केवल एक ही परिवार करता आया है.
इस मंदिर का नाम राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर है, इस मंदिर में दस महाविद्याओं काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्न मस्ता, षोडसी, मातंगड़ी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी की मूर्तियां स्थापित हैं. माना गया है कि यहां किसी के नहीं होने पर भी कई तरह की आवाजें सुनाई देती हैं. इसके अलावा यह भी बताया गया है कि जब लोग आधी रात को इस मंदिर के करीब से गुजरते हैं तो उन्हें मूर्तियों की आपस में बात करने की आवाज सुनाई देती है.
जब इस बात पर किसी ने विश्वास नहीं किया तो यहां पर वैज्ञानिकों की एक टीम बुलाई गई जिन्होंने रिसर्च करने के बाद कहा कि यहां पर कोई आदमी नहीं है, इस कारण यहां पर शब्द भ्रमण करते रहते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस जगह कुछ न कुछ शक्तियां है जिससे यहां पर आवाज गूंजती है.