म्यूजिक को माइंड के लिए थेरेपी बताया गया है. कहते हैं कि म्यूजिक का चॉइस आपके कंडीशन को दर्शाता है. आप म्यूजिक से खुद को रिलेट कर पाते हैं. यदि आप खुश हैं तो मन को खुश या तरो-ताज़ा कर देने वाले गाने सुनेंगे. प्यार में धोखा खाए लोगों को दर्द भरे गाने पसंद आते हैं
. खैर, ये तो सिचुएशन की बात है. पर एक अच्छे म्यूजिक लवर को हर तरह के गाने पसंद आते हैं. कहते हैं कि एक अच्छा म्यूजिक आपके तनाव के स्तर को कम करने में आपकी मदद करता है. इसलिए अपने स्ट्रेस लेवल को कम करने का सबसे बेहतर तरीका है मन पसंद म्यूजिक सुनना. कुछ लोग तो म्यूजिक में इतने खो जाते हैं कि उनकी दिल की धड़कनें तक तेज़ हो जाती हैं. वह गाने के जरिये एक अलग ही दुनिया में पहुंच जाते हैं. क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है जब आपकी धड़कनें गाना सुनते समय अपने आप तेज़ हो गई हों? या फिर गाने ने आपके रोंगटे को खड़ा कर दिया हो? या फिर गाना सुनते-सुनते आपकी आंखों की पुतलियां पूरी खुल गई हों? हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च के मुताबिक, यदि गाना सुनते समय आपको कुछ हटकर एहसास होता है तो आपका दिमाग दुनियाभर के आम लोगों की तुलना में ज्यादा ताकतवर है.
रिसर्च करने वाले मैथ्यू सचस के मुताबिक, जो लोग म्यूजिक को सुनकर कुछ अलग महसूस करते हैं, ऐसे लोगों के शरीर में फाइबर की मात्रा अत्यधिक पायी जाती है. अत्यधिक फाइबर की मात्रा साउंड को माइंड तक पहुंचाकर फीलिंग्स का अहसास कराती है. मैथ्यू के मुताबिक ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम होती है जो संगीत के माध्यम से अपने शरीर की रिकवरी कर लेते हैं और साथ ही उनका बचाव कई प्रकार की मानसिक बीमारियों से भी होता है.
रिसर्च में बताया गया कि म्यूजिक में हमें कई तरह की बीमारियों से बचाने की क्षमता होती है. इसके ज़रिये डिप्रेशन और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों का इलाज संभव है. कुछ खास तरीके के धुन और संगीत को पहचान कर मानसिक बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. चीनी ग्रंथों में तो संगीत दवा के समान है. एक चीनी लेखन में दवा शब्द की उत्पत्ति संगीत से हुई है. रिसर्च से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स
रिसर्च के मुताबिक, यदि आपके रोंगटे संगीत सुनते समय खड़े हो जाते हैं, तो इसका मतलब व्यक्ति का दिमाग म्यूजिक से अच्छी तरह से कनेक्ट कर रहा है.
- कुछ जगहों पर इसे Mozart Effect भी कहते हैं. इसका मतलब म्यूजिक थोड़े समय के लिए व्यक्ति के दिमाग पर अनुकूल प्रभाव भी डाल सकता है.
- इसका प्रभाव म्यूजिक सुनने वाले से ज्यादा इंस्ट्रूमेंट प्ले करने वाले पर पड़ता है.