एक शब्द काफी सुना होगा जनरेशन या पीढ़ी अब ये जनरेशन होती क्या है. यह सवाल कई बार आपके दिमाग आया होगा. पीढ़ियों को आप बेटा, बाप और दादा से समझ सकते हैं पर वैज्ञानिक आधार पर पीढ़ी का मलतब कुछ अलग ही है. शोधकर्ताओं ने इंसान के जन्म और साल के आधार पर पीढ़ियों को बंटवारा किया आइये जानते हैं कि आप किस पीढ़ी हैं.
साइलेंट जनरेशन
साल 1945 से पहले जन्मे लोगों को शोधकर्तओं ने मैच्योरिस्ट और ट्रैडीशनलिस्ट जनरेशन का कहा है. उस जमाने में पश्चिमी समाज में महिलाओं और पुरुषों में अपने अपने काम की भूमिकाएं बंटी हुई थी. जहां महिलाएं घर पर रह कर परिवार का ध्यान रखती थीं तो वहीं, पुरुष पैसा कमाने के लिए जिम्मेदार थे. इन्हें साइलेंट जनरेशन का नाम इसलिए दिया गया क्योंकि नागरिक अधिकारों के मामले में ज्यादातर लोग आवाज नहीं उठाते थे.
बेबी बूमर
1946 से 1964 के बीच पैदा हुए लोगों को बेबी बूमर जनरेशन नाम से जाना जाता है. यह नाम इसे इसलिए दिया गया क्यूंकि द्वितीय युद्ध के बाद के समय में पश्चिमी जगत में जन्म दर में अचानक वृद्धि हुई. इन लोगों ने शीत युद्ध देखा, 60 के दशक में हिप्पी मूवमेंट हुआ और समाज को बदलने के लिए छात्रों का आंदोलन भी.
जनरेशन एक्स
1965 से 1980 के बीच जन्मे लोग जनरेशन एक्स कहलाते हैं. इन्हें एमटीवी जनरेशन भी कहा जाता है, हालांकि एमटीवी की शुरुआत 1981 में हुई थी. लेकिन अमेरिका में इस पीढ़ी ने म्यूजिक वीडियो की शुरुआत को देखा था.
जनरेशन वाय
1980 से 1995 के बीच जन्मे लोग जनरेशन वाय कहलाते हैं. इन्हें मिलेनियल जनरेशन भी कहा जाता है क्योंकि ये मिलेनियम यानि सहस्राब्दी के आखिरी सालों में दुनिया में आए. हालांकि उस जमाने में दुनिया आज की तरह इतनी जुड़ी हुई नहीं थी और हर कोने में अलग अलग सामाजिक बदलाव हो रहे थे,
जनरेशन जेड
1996 से 2012 के बीच पैदा होने वालों को जनरेशन जेड कहा जाता है. इंटरनेट के दौर में आई इस पीढ़ी को आई-जनरेशन, जेन टेक, नेट जेन, डिजिटल नेटिव और पोस्ट मिलेनियल भी कहा जाता है.
जनरेशन एल्फा
साल 2012 के बाद जन्मे बच्चों को जनरेशन एल्फा का नाम दिया गया है. एक जनरेशन को आम तौर पर 15 से 20 साल तक के वक्त में बांटा जाता है. लेकिन सामाजिक बदलावों को भी ध्यान में रखा जाता है. मौजूदा तकनीकी बदलावों को देखते हुए माना जाता है कि 2025 तक पैदा होने वालों को एल्फा कहा जाएगा.