समाप्ति की ओर बढ़ रहे चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंतिम दिनों में बजट को ठिकाने लगाने की कोशिश करने वाले विभागों पर शिकंजा कसेगा। बजट की पार्किंग या बैंक ड्राफ्ट बनाकर धनराशि पर कुंडली मारकर बैठने को वित्तीय अनुशासनहीनता माना जाएगा।

संबंधित अधिकारियों एवं कार्मिकों को दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वित्त अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं।
अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में बजट स्वीकृति और खर्च को लेकर सख्त रुख अपनाया है। बजट उपयोग और प्रदेश के कोषागारों, उपकोषागारों में ई-पेमेंट की प्रणाली लागू रहने के कारण आहरण वितरण कार्य में ढिलाई नहीं बरतने की चेतावनी जारी की गई है।
उन्होंने विभागों को सभी वित्तीय स्वीकृतियां 15 मार्च के बाद जारी नहीं करने की हिदायत दी है। इस बाध्यता से केंद्रपोषित योजनाओं, बाह्य सहायतित योजनाओं, पूंजीगत सहायता मद में केंद्रीय योजना, विशेष आयोजनागत सहायता और जी-20 बैठक से संबंधित कार्यों को बाहर रखा गया है।
आहरण वितरण अधिकारियों को कोषागारों व उपकोषागारों में लागू ई-पेमेंट व्यवस्था को देखते हुए 20 मार्च तक सभी बिलों को कोषागारों में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। बिलों को आनलाइन तैयार करना होगा। मैनुअल बिल कोषागार स्वीकार नहीं करेंगे। बिलों की जांच के लिए 25 मार्च तक मोहलत दी गई है। ई-पेमेंट के लिए ट्रांजेक्शन फाइल 28 मार्च तक अपलोड और स्वीकृत भी करानी होगी।
शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 31 मार्च से पहले ही ई-ट्रांजेक्शन की जांच कर ई-बिलों का भुगतान होना चाहिए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बजट राशि समय पर आहरण नहीं होने या निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण लैप्स हुई तो संबंधित अधिकारी उत्तरदायी होंगे।
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