मल्टीमीडिया डेस्क। 5 दिसंबर का दिन भारत और बांग्लादेश दोनों के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया है। 1971 में इसी दिन भारत ने बांग्लादेश को अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता दी थी। यह पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका था। तब भारत की मदद से बांग्लादेश की सेना ने ढाका को स्वतंत्र कराया था। इसके लिए पाकिस्तानी सैनिकों को बेशर्त आत्मसमर्पण कराया गया था।
बांग्लादेश की आजादी में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अहम भूमिका रही थी। दरअसल, तब भी पाकिस्तान आए दिन भारत को परेशान करता रहता है। नापाक पड़ोसी की हरकतों से परेशान होकर इंदिरा ने पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश बनाने का फैसला कर लिया था।
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को इसके लिए तैयार करने मुश्किल था। तब सोवियत संघ दुनिया में सबसे ताकतवर माना जाता था। इंदिरा ने पहले सोवियत संघ से जुड़े नेताओं को विश्वास में लेने की कोशिश की, लेकिन फायदा होता नजर नहीं आया।
इतिहासकार बताते हैं कि तब भारत सैन्य कार्रवाई करना चाहता था, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का दबाव था। इंदिरा ने सोवियत संघ से कहा, हम तो बांग्लादेश को अलग करने के लिए कार्रवाई करने जा रहे हैं। आप साथ दें तो ठीक है, नहीं देंगे तो भी ठीक है। इंदिरा आगे बढ़ीं और बांग्लादेश अलग हो गया। इसी सिलसिले में इंदिरा की तारीफ करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें दुर्गा कहा था।
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