इंदौर में आईटी से जुड़ी 80 से ज्यादा कंपनियां और स्टार्टअप है। आईटी विभाग अब तक चार आईटी पार्क बना चुका है। सिंहासा आईटी पार्क में रियायती दामों पर 28 कंपनियों को जमीन दी चुकी है। वहां कंपनियों ने संचालन भी शुरू कर दिया है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा आईटी कंपनियां इंदौर में है। आईटी काॅन्क्लेव में भी चार कंपनियों को जमीन दी गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव के समक्ष भी यह मामला सामने आया कि इंदौर में निवेश के लिए लोग ज्यादा उत्सुक है, लेकिन जमीन कम पढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए लैंड बैंक में जमीन बढ़ाने के निर्देश दिए है। सरकारी जमीनों को भी उद्योगों के लिए दिया जा सकेगा। इंदौर के सुपर काॅरिडोर पर ही चार बड़ी कंपनियों को पहले जमीन दी जा चुकी है।
80 से ज्यादा कंपनियां है इंदौर में
इंदौर में आईटी से जुड़ी 80 से ज्यादा कंपनियां और स्टार्टअप है। आईटी विभाग अब तक चार आईटी पार्क बना चुका है। सिंहासा आईटी पार्क में रियायती दामों पर 28 कंपनियों को जमीन दी चुकी है। वहां कंपनियों ने संचालन भी शुरू कर दिया है। हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। इंदौर के सुपर काॅरिडोर पर टीसीएस और इंफोसिस जैसी कंपनियों के स्पेशल इकाॅनामिक जोन है। दोनो कंपनियों को 230 एकड़ जमीन दी गई है। दोनो कंपनियों ने वहां कैम्पस तैयार कर लिए। साल भर पहले इंफोसिस ने 30 एकड़ जमीन सरकार को वापिस कर दी। सरकार ने वह जमीन दूसरी कंपनियों को देने का फैसला लिया है।
स्पेसटेक नीति भी बनेगी
प्रदेश सकरार स्पेसटेक नीति भी जल्दी लांच करने जा रही है,ताकि प्रदेश में अंतरिक्ष अनुसंधान हो सके और वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्यमों को प्रदेश में बढ़ावा मिल सके। इसके लिए भी कुछ कंपनियों ने सरकार से संपर्क किया है। इस कारण इससे जुड़ी नीति बनाने के निर्देश अफसरों को मुख्यमंत्री ने दिए है।
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