ज्योतिषियों की मानें तो नाड़ी दोष लगने पर वैवाहिक जीवन बेहद कष्टमय बीतता है। इसके लिए नाड़ी दोष लगने पर शादी नहीं करनी चाहिए। इसके बावजूद वर और वधु एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं तो प्रकांड पंडित से सलाह लेकर परिणय सू्त्र में बंध सकते हैं।
सनातन धर्म में विवाह पूर्व कुंडली मिलान का विधान है। कुंडली मिलान से यह ज्ञात किया जाता है कि वर और वधु का वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा? इससे नाड़ी दोष, भकूट दोष, गण, मैत्री स्वभाव आदि देखा जाता है। अगर कुंडली मिलान में नाड़ी या भकूट दोष लगता है, तो विवाह पश्चात परेशानी आती है। इनमें नाड़ी दोष लगने पर शादी न करने की सलाह दी जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो नाड़ी दोष लगने पर वैवाहिक जीवन बेहद कष्टमय बीतता है। कई मौके पर तलाक भी हो जाता है। इसके लिए नाड़ी दोष लगने पर शादी नहीं करनी चाहिए। इसके बावजूद वर और वधु एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं, तो प्रकांड पंडित से सलाह लेकर परिणय सूत्र में बंध सकते हैं। आइए, नाड़ी दोष के बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्या है नाड़ी दोष?
ज्योतिषियों की मानें तो वर और वधु दोनों की एक नाड़ी होने पर यह दोष लगता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तीन प्रकार की नाड़ी होती हैं जो क्रमशः आदि नाड़ी, मध्य नाड़ी, अन्त्य नाड़ी हैं।
नाड़ी दोष के प्रभाव
अगर वर और वधु दोनों की एक नाड़ी है, तो निवारण अनिवार्य है। अगर बिना निवारण के वर और वधु की शादी होती है, तो कन्या यानी वधु को गर्भ धारण में परेशानी आ सकती है। वहीं, होने वाली संतान भी असामान्य पैदा हो सकती है। नाड़ी दोष लगने पर अकस्मात मुसीबत आती रहती है। साथ ही वर और वधु के बीच संबंध बेहद कटु रहते हैं। इस स्थिति में वियोग की भी संभावना रहती है। मध्य नाड़ी दोष लगने पर वर-वधू में से एक या दोनों की मृत्यु की संभावना बनी रहती है।
नाड़ी दोष को कैसे करें दूर ?
नाड़ी दोष को दूर करने के लिए वर और वधु दोनों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही नाड़ी दोष का निवारण अनिवार्य है। इसके अलावा नाड़ी दोष के प्रभाव को कम करने के लिए गौ, स्वर्ण अनाज, भोजन और कपड़ों का दान करना चाहिए। कई ज्योतिष नाड़ी दोष को दूर करने के लिए वजन बराबर अन्न दान करने की सलाह देते हैं।