22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ प्रमुख स्वरूपों की पूजा का विधान है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में महाअष्टमी और महानवमी तिथि का विशेष महत्व भी है। बता दें कि महा अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। अष्टमी तिथि के दिन माता दुर्गा और माता महागौरी, वहीं नवमी तिथि पर माता सिद्धिदात्री की उपासना का विधान है। अष्टमी और नवमी तिथि के दिन लोग विशेष रूप से व्रत रखते हैं और घरों में कन्या पूजन किया जाता है। आइए जानते हैं, कब है चैत्र महा अष्टमी और महा नवमी तिथि?
कब है चैत्र नवरात्रि दुर्गाष्टमी?
नवरात्रि पर्व के आठवें दिन माता दुर्गा और मां महागौरी की उपासना का विधान है। इस दिन मां भगवती की उपासना करने से साधक को धन, समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। महा अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन छोटी कन्याओं को घर में आमंत्रित कर पूजा जाता है और उन्हें हलवा-पूड़ी का भोग लगाया जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 28 मार्च को शाम 05 बजकर 32 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 29 मार्च को शाम 07 बजकर 37 मिनट पर होगा। इसलिए दुर्गाष्टमी पर्व 29 मार्च के दिन मनाया जाएगा। इस दिन रवि योग शाम 06 बजकर 37 मिनट से 30 मार्च सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
कब है चैत्र नवरात्रि महानवमी?
चैत्र नवरात्रि पर्व के नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्ध स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। माता सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की देवी हैं और इनकी उपासना करने से साधक को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भी कई जगहों पर कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है। साथ ही बता दें कि चैत्र मास के नवमी तिथि के दिन ही राम नवमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
ज्योतिष पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का शुभारंभ 29 मार्च को रात्रि 07 बजकर 37 मिनट पर होगा और इसका समापन 30 मार्च को रात्रि 10 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, महा नवमी और राम नवमी पर्व 30 मार्च के दिन धूम-धाम से मनाया जाएगा।