बाराबंकी । बाल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत स्थानीय जनपद के सभी आंगनबाङी केन्द्रों पर बचपन दिवस का आयोजन किया गया। इसमें नवजात शिशुओं के साथ ही उनकी माताएं और गर्भवती महिलाएं भी शामिल हुई। इस दौरान नवजात बच्चों एवं छोटे बच्चों का जन्म दिन माथे पर तिलक लगाकर मनाया गया । केन्द्रों पर उनको पोषाहार वितरण किया गया। साथ ही सफाई और सेहत के लिए जरूरी जानकारी दी गई। यह जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार चौरसिया ने बताया आंगनबाङी केन्द्रों पर पंजीकृत जिन बच्चों का जन्म सितम्बर माह में हुआ है उन सभी बच्चों का जन्म दिन तिलक लगाते हुए केक काटकर धूमधाम से मनाया गया । साथ ही माताओं को स्तन पान का महत्व और बच्चे के सेहत पर इसके प्रभाव की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर बच्चों के माता-पिता समेंत परिवार के अन्य सदस्यों ने केन्द्रों पर पहुंचकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। इसके साथ ही मौक बच्चों को हैंण्ड वास कराया गया । बच्चों को और उनके माता व परिवार के लोगों को हाथ धुलने की विधि के बारे में हैंडवास कराकर बताया गया। मौके पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों की मां से खुद को और अपने बच्चों को स्वस्थ्य व बिमारियों से दूर रहने के लिए कुछ खाने- पीने से पहले हाथ धुलने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
डीपीओ ने आगे बताया स्थानीय जनपद के करीब 3 हजार आंगनवाडी केंद्रों पर बचपन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पास के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिलायें अपने बच्चो और परिवार के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची। कार्यक्रम की शुरुआत बच्चो और महिलाओं को तिलक लगाकर तथा मंगल गीत गाकर की गई। उन्होंने बताया कि लोगों में पोषण के प्रति जागरूकता बढाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं जिससे लोग जागरूक हो सकें। शासन की ओर से दी जा रही योजनाओं का लाभ ले सकें। इस दौरान माताओं को खानपान में मौसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जियों के विषय में बताया गया। साथ ही नवजात बच्चों को तिलक लगाकर उनका स्वागत हुआ।
बताया गया की जो बच्चे इस माह अपना एक वर्ष पूर्ण कर चुके है उनका इस अवसर पर आगनबाड़ी केंद्र पर बुलाकर उनका जन्मदिन मनाया गया,साथ ही उनकी माताओ को जानकारी देते हुए जन्म के तुरंत बाद शिशु को मां का पहला पीला गाढ़ा दूध पीने की सलाह दी गई, साथ ही बच्चो को लगातार 6 माह तक केवल स्तनपान कराने से मां और बच्चे में स्नेह और जुडाव बनता है। इस अवसर पर विभिन्न केन्द्रों पर जिन बच्चों का जन्म दिन मनाया गया वे सभी बच्चे अपने-अपने केन्द्र पर पोषाहार से बने केक काटकर खुशियां मनायी।